क्या सच में बंद होने वाला है ₹500 का नोट? RBI का जवाब ये रहा

भारतीय रिजर्व बैंक डिजिटल करेंसी और छोटे नोटों को बढ़ावा देकर ₹500 के नोट पर निर्भरता कम करना चाहता है। डिजिटल इंडिया की दिशा में उठाए जा रहे कदम और करेंसी छपाई की लागत को देखते हुए, ₹500 का नोट भी आने वाले समय में सीमित किया जा सकता है। फिलहाल कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन लोगों को सतर्क रहना चाहिए और डिजिटल ट्रांजैक्शन को प्राथमिकता देनी चाहिए।

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क्या सच में बंद होने वाला है ₹500 का नोट? RBI का जवाब ये रहा
₹500 का नोट

500 रुपए का नोट अब एक बार फिर चर्चा में है। बैंकिंग एक्सपर्ट अश्विणी राणा की मानें तो भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) अब धीरे-धीरे ₹500 के नोट की निर्भरता कम करने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है। डिजिटल लेन-देन में तेजी, ई-रुपी जैसी डिजिटल करेंसी की तैयारी और करंसी प्रिंटिंग पर होने वाले खर्च को देखते हुए, RBI अब एटीएम में 100 और 200 रुपए के नोटों की हिस्सेदारी बढ़ाना चाहता है।

RBI ने देश के सभी बैंकों को निर्देश दिया है कि वे सितंबर 2025 तक अपने 75 फीसदी एटीएम में ₹100 और ₹200 के नोट अपलोड करें। यह सीधा संकेत है कि बड़ी करेंसी पर निर्भरता घटाने की कोशिशें चल रही हैं। ठीक वैसे ही जैसे पहले ₹2000 के नोट को चलन से बाहर किया गया, अब ₹500 के नोट की भूमिका भी सीमित की जा सकती है।

क्या वाकई बंद हो सकता है ₹500 का नोट?

अश्विनी राणा का मानना है कि अगर आज नहीं, तो आने वाले सालों में यह मुमकिन है। उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक ने जिस तरह से ₹2000 के नोट को बाहर किया, वैसा ही कुछ ₹500 के नोट के साथ भी हो सकता है। हालांकि इस पर अंतिम निर्णय केवल RBI ही लेगा, लेकिन वर्तमान परिस्थितियों और नीतियों को देखकर यह संभावना नकारा नहीं जा सकता।

डिजिटल लेन-देन और ई-रुपी की भूमिका

भारत में डिजिटल ट्रांजैक्शन में भारी इजाफा हुआ है। UPI से लेकर QR कोड पेमेंट और ई-वॉलेट्स तक, आज लगभग हर लेन-देन का विकल्प डिजिटल रूप में मौजूद है। ऐसे में रिजर्व बैंक भी डिजिटल करेंसी ई-रुपी (e-RUPI) को लाकर नकदी पर निर्भरता और करंसी प्रिंटिंग की लागत को कम करना चाहता है। यह कदम आर्थिक रूप से व्यावहारिक भी है और पारदर्शिता बढ़ाने की दिशा में एक और मजबूत प्रयास भी।

करंसी छापने की लागत भी है वजह

हर नोट को छापने में सरकार को खर्च उठाना पड़ता है। खासकर बड़े नोटों की छपाई और उसकी लॉजिस्टिक्स ज्यादा महंगी होती है। यही वजह है कि RBI अब छोटे नोटों की ओर झुकाव दिखा रहा है। छोटे नोट न सिर्फ सर्कुलेशन में आसान होते हैं, बल्कि आम लोगों की जरूरतों के भी अधिक अनुकूल होते हैं।

क्या ₹500 का नोट भी होगा ₹2000 जैसा?

राणा की राय में, जो लोग बड़ी मात्रा में ₹500 के नोट जमा कर रहे हैं, उन्हें सतर्क हो जाना चाहिए। ठीक वैसे ही जैसे लोगों ने ₹2000 के नोट स्टोर करके रखे और बाद में उन्हें बैंक में बदलवाने की लंबी कतारों का सामना करना पड़ा, ₹500 के नोट के साथ भी वैसा ही कुछ हो सकता है।

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