
21 अप्रैल को रोमन कैथोलिक ईसाई धर्म के सर्वोच्च धर्मगुरु और वेटिकन सिटी के राष्ट्राध्यक्ष पोप फ्रांसिस के निधन ने सम्पूर्ण विश्व को शोक की भावना में डुबो दिया है। जयपुर समेत राजस्थान के सभी कैथोलिक स्कूलों में 26 अप्रैल को अवकाश घोषित किया गया है, जो पोप फ्रांसिस के अंतिम संस्कार के दिन रखा गया है। यह निर्णय कैथोलिक समुदाय की ओर से श्रद्धांजलि स्वरूप लिया गया है।
पोप फ्रांसिस, जो जनसाधारण में अपने सादगीपूर्ण जीवन और मानवता के प्रति प्रेम के लिए विख्यात थे, ने वैश्विक स्तर पर शांति, सहिष्णुता और करुणा के संदेश दिए। उनके निधन के समाचार से ना केवल ईसाई समुदाय, बल्कि विविध धार्मिक पृष्ठभूमियों वाले लोग भी शोक में डूब गए हैं।
पोप फ्रांसिस: एक प्रेरणास्रोत व्यक्तित्व
पोप फ्रांसिस का जीवन अपने आप में समर्पण, सेवा और प्रेम का प्रतीक था। उन्होंने समाज के हाशिए पर खड़े लोगों के अधिकारों की रक्षा की, पर्यावरण के संरक्षण की बात की और रिन्यूएबल एनर्जी-Renewable Energy जैसी अवधारणाओं का समर्थन करते हुए एक जिम्मेदार वैश्विक नागरिक की भूमिका निभाई। उनके कार्यकाल के दौरान कैथोलिक चर्च ने आधुनिक मुद्दों की ओर भी संवेदनशीलता दिखाई, जो उन्हें एक आध्यात्मिक नेता से कहीं अधिक बनाता है।
जयपुर में विशेष शोक सभा का आयोजन
पोप फ्रांसिस की स्मृति में 25 अप्रैल को शाम 6 बजे सेंट एंसलम्स पिंक सिटी स्कूल, मालवीय नगर स्थित गिरजाघर प्रांगण में एक विशेष शोक सभा का आयोजन किया जाएगा। इस कार्यक्रम में उनके जीवन के प्रेरणादायक पहलुओं को साझा किया जाएगा और मानवता के प्रति उनकी सेवा को श्रद्धांजलि दी जाएगी।
राजस्थान के कैथोलिक स्कूलों में अवकाश
26 अप्रैल को पोप फ्रांसिस के अंतिम संस्कार के दिन School Holiday की घोषणा धर्मप्रांतीय निर्णय के अनुसार की गई है। यह छुट्टी ना केवल श्रद्धांजलि का प्रतीक है, बल्कि बच्चों को जीवन मूल्यों और करुणा की भावना से जुड़ने का एक अवसर भी प्रदान करती है। आमजन से आग्रह किया गया है कि वे शोक सभा में भाग लेकर इस वैश्विक आध्यात्मिक विभूति को श्रद्धा सुमन अर्पित करें।