
जयपुर में शिक्षा क्षेत्र में बड़ा बदलाव करते हुए भजनलाल सरकार ने घोषणा कर दी है कि नया शिक्षा सत्र 2025-26 से 1 जुलाई से शुरू होगा। बीते एक दशक से स्कूलों का सत्र मई में शुरू किया जा रहा था, लेकिन अब राजस्थान के शिक्षा विभाग ने एक बार फिर पुराने पैटर्न पर वापसी कर ली है। 2015-16 में वसुंधरा राजे सरकार के दौरान सत्र में परिवर्तन कर दिया गया था ताकि निजी स्कूलों के कैलेंडर से तालमेल बैठाया जा सके। अब, भजनलाल सरकार ने इस व्यवस्था को फिर से बदल दिया है, जो शिक्षकों और छात्रों दोनों के लिए राहतभरा साबित हो रहा है।
10 साल बाद शिक्षा विभाग की घर वापसी
शिविरा पंचांग 2025 में शिक्षा विभाग ने उल्लेख किया है कि इस बार 17 मई से लेकर 30 जून तक ग्रीष्मावकाश रहेगा, जिसके बाद 1 जुलाई को नया सत्र शुरू होगा। हालाँकि इस बदलाव की अलग से कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन शिविरा पंचांग में दर्ज जानकारी को विभागीय स्वीकृति ही माना जा रहा है। इससे पहले, गर्मियों की छुट्टियाँ कभी 18 जून तो कभी 23 जून तक समाप्त कर दी जाती थीं, और स्कूलों में कक्षाएं शुरू हो जाती थीं। अब छात्रों और शिक्षकों दोनों को गर्मी की तपिश से पूरी राहत मिल सकेगी।
नया सत्र 1 जुलाई से, छुट्टियों में खुली छूट
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अब नया सत्र 1 जुलाई से औपचारिक रूप से शुरू होगा। शिक्षकों का अवकाश भी 30 जून तक बढ़ा दिया गया है, जो पहले 18 या 23 जून तक ही सीमित होता था। इससे प्रदेश के चार लाख से ज्यादा सरकारी शिक्षकों को न केवल मानसिक सुकून मिलेगा बल्कि उन्हें अपने गाँवों या अन्य स्थलों की यात्रा का भी पूरा अवसर मिलेगा। शिक्षकों ने इस बदलाव पर खुशी जताई है और सोशल मीडिया पर ‘धन्यवाद भजनलाल’ हैशटैग के जरिए सरकार का आभार प्रकट किया है।
शिक्षाविदों ने बताया मौसम के अनुकूल निर्णय
शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह निर्णय समय और मौसम के लिहाज से बिल्कुल उपयुक्त है। मई-जून के दौरान राजस्थान में जब तापमान चरम पर होता है, तब स्कूलों को बंद रखना बच्चों और शिक्षकों दोनों के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। नया शैक्षणिक सत्र अब मानसून की शुरुआत के साथ शुरू होगा, जिससे मौसम भी कुछ राहतभरा रहेगा और शिक्षण कार्य में भी ताजगी बनी रहेगी।
नया सत्र, नया सिस्टम लेकिन पुराने दिन
भजनलाल सरकार के इस निर्णय से एक बार फिर से स्कूलों में जुलाई से नया सत्र प्रारंभ करने की पुरानी परंपरा बहाल हो गई है। 2015-16 में वसुंधरा राजे सरकार के समय जब सरकारी स्कूलों का सत्र अप्रैल-मई में शुरू किया गया था, तब इसका मुख्य उद्देश्य निजी स्कूलों के शैक्षणिक कैलेंडर के अनुरूप सरकारी व्यवस्था को ढालना था। लेकिन अब भजनलाल सरकार ने शिक्षा व्यवस्था में व्यावहारिकता को ध्यान में रखते हुए पुरानी व्यवस्था को पुनर्स्थापित किया है।
मई-जून में अब सिर्फ अवकाश
शिविरा पंचांग में इस बार स्पष्ट किया गया है कि मई-जून माह में न कोई कक्षा चलेगी और न ही परीक्षा का आयोजन होगा। 16 मई तक सभी वार्षिक परीक्षाओं के परिणामों की घोषणा, प्रगति पत्र का वितरण तथा चालू सत्र के शेष कार्य निपटा दिए जाएंगे। उसके बाद पूर्ण ग्रीष्मावकाश रहेगा। इससे छात्रों और शिक्षकों को बिना किसी चिंता के अवकाश का आनंद लेने का अवसर मिलेगा।
भाजपा राज में नया सत्र, नया चेहरा
10 साल पहले तक सरकारी स्कूलों में नया सत्र 1 जुलाई से ही प्रारंभ होता था। लेकिन निजी स्कूलों के अप्रैल में सत्र शुरू करने के कारण, शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों में भी बदलाव किया था। अब भजनलाल सरकार ने भाजपा राज में ही इस पुराने सिस्टम को फिर से बहाल कर दिया है। शिक्षकों और छात्रों के उत्साह से यह साबित होता है कि यह बदलाव जमीनी स्तर पर बेहद सकारात्मक प्रभाव डाल रहा है।