
पंजाब सरकार के हालिया आदेशों के अनुसार, डी.सी. हिमांशु जैन ने जिले की तहसीलों और उप-तहसीलों में नायब तहसीलदारों की नियुक्ति करते हुए उन्हें रजिस्ट्रेशन-Registration की पावर प्रदान की थी। इस पहल का उद्देश्य प्रशासनिक कार्यों में सुधार लाना और रजिस्ट्री से संबंधित प्रक्रियाओं को अधिक सुचारू बनाना था। लेकिन नियुक्त किए गए अधिकांश नायब तहसीलदारों के ट्रेनिंग पीरियड में होने के कारण, उन्होंने इस जिम्मेदारी को निभाने से इनकार कर दिया।
अंडर ट्रेनिंग नायब तहसीलदारों का इंकार और परिणाम
जैसे ही नवनियुक्त नायब तहसीलदारों को तहसीलों में रजिस्ट्रेशन की ड्यूटी सौंपी गई, उनमें से अधिकांश ने अपने प्रशिक्षण काल का हवाला देते हुए कार्यभार संभालने से मना कर दिया। इस स्थिति ने प्रशासन को एक बार फिर से पुराने, अनुभवी अधिकारियों की ओर लौटने के लिए मजबूर कर दिया, जो पहले से ही इस जिम्मेदारी को निभाते आ रहे थे। डी.सी. हिमांशु जैन ने तत्काल प्रभाव से आदेश जारी कर पुराने अधिकारियों को दोबारा रजिस्ट्रेशन कार्य सौंप दिया।
पंजाब में रजिस्ट्रेशन कार्य में हालिया बदलाव
पिछले कुछ महीनों से पंजाब सरकार तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों के स्थान पर कानूनगो या सुपरिंटेंडेंट रैंक के कर्मचारियों से रजिस्ट्रेशन का कार्य करवा रही थी। यह प्रयोग कई क्षेत्रों में किया गया था, लेकिन अब स्थिति में बदलाव देखने को मिल रहा है। कुछ शहरों में रजिस्ट्रेशन की पावर फिर से Revenue अधिकारियों को सौंप दी गई है, जिससे रजिस्ट्री कार्यों में पारदर्शिता और दक्षता बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है।
डी.सी. लुधियाना हिमांशु जैन का त्वरित निर्णय
लुधियाना के डी.सी. हिमांशु जैन ने जिला प्रशासन की कार्यप्रणाली को बाधित न होने देने के उद्देश्य से एक बार फिर से वही अधिकारी तैनात किए हैं जो कई महीनों से तहसीलों में रजिस्ट्रेशन कार्य संभाल रहे थे। यह फैसला न केवल तेजी से लिया गया, बल्कि इससे यह भी सुनिश्चित किया गया कि आम जनता को रजिस्ट्री जैसे महत्वपूर्ण कार्यों में किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े।
प्रशासनिक स्थिरता के प्रयास
डी.सी. जैन द्वारा उठाए गए इस कदम से साफ है कि पंजाब सरकार प्रशासनिक स्थिरता को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। नायब तहसीलदारों की अनिच्छा के बावजूद, अनुभवी अधिकारियों के जरिये रजिस्ट्रेशन का कार्य निर्बाध रूप से जारी रहेगा, जिससे सरकारी प्रक्रियाओं में विश्वास बना रहेगा। इस निर्णय से प्रशासनिक व्यवस्था में निरंतरता और जवाबदेही भी बनी रहेगी।