
Petrol Diesel Price News Today के तहत 22 अप्रैल 2025 को सुबह 6 बजे भारतीय पेट्रोलियम कंपनियों ने ताजा ईंधन दरें जारी कर दीं। राहत की बात यह रही कि आज भी पेट्रोल और डीजल के दामों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। वहीं अगर अंतरराष्ट्रीय बाजार की बात करें, तो कच्चे तेल की कीमतें 65-78 डॉलर प्रति बैरल के बीच बनी हुई हैं, जो पिछले सप्ताह की तुलना में कुछ कम दर्ज की गई हैं। इससे घरेलू बाजार में स्थिरता बनी हुई है, जो आम उपभोक्ताओं के लिए अच्छी खबर है।
आज के प्रमुख शहरों में पेट्रोल-डीजल के दाम
Petrol Diesel Price News Today के अनुसार, देश के प्रमुख महानगरों में आज के ईंधन के रेट इस प्रकार हैं। दिल्ली में पेट्रोल 94.77 रुपए प्रति लीटर और डीजल 87.67 रुपए प्रति लीटर पर स्थिर है। मुंबई में पेट्रोल 103.50 रुपए और डीजल 90.03 रुपए में बिक रहा है। कोलकाता में पेट्रोल 105.01 रुपए और डीजल 91.82 रुपए, जबकि चेन्नई में पेट्रोल 100.80 रुपए और डीजल 92.39 रुपए प्रति लीटर के स्तर पर है।
नोएडा, बेंगलुरु, पटना, लखनऊ, चंडीगढ़, हैदराबाद, गुरुग्राम और जयपुर जैसे शहरों में भी पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई बड़ा बदलाव नहीं आया है। इससे आम जनता को कुछ राहत मिली है, खासकर उन लोगों को जो रोजाना ईंधन पर खर्च करते हैं।
अन्य राज्यों में पेट्रोल-डीजल के ताजा रेट्स
राज्यों की बात करें तो आंध्र प्रदेश में पेट्रोल 108.35 रुपए और डीजल 96.22 रुपए प्रति लीटर बिक रहा है, जबकि बिहार में पेट्रोल 105.58 रुपए और डीजल 92.42 रुपए के आसपास है। मध्य प्रदेश में पेट्रोल का दाम 106.22 रुपए और डीजल 91.62 रुपए तक पहुंच चुका है। तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल, राजस्थान, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल में भी पेट्रोल-डीजल के दाम स्थिर बने हुए हैं।
विशेष तौर पर अंडमान और निकोबार में पेट्रोल और डीजल सबसे सस्ता है, जहां पेट्रोल 82.46 रुपए और डीजल 78.05 रुपए प्रति लीटर में मिल रहा है। वहीं, अरुणाचल प्रदेश और असम जैसे पूर्वोत्तर राज्यों में भी ईंधन की कीमतें तुलनात्मक रूप से कम बनी हुई हैं।
पेट्रोल-डीजल के दाम क्यों बदलते हैं?
Petrol Diesel Price News Today में जब हम पेट्रोल-डीजल की कीमतों के उतार-चढ़ाव की बात करते हैं, तो इसके पीछे कई कारक जिम्मेदार होते हैं। सबसे बड़ा कारक है अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम, जो कभी बढ़ते हैं तो कभी घटते। इसके अलावा सरकार द्वारा लगाए जाने वाले टैक्स और ड्यूटी भी कीमतों को प्रभावित करते हैं।
वैश्विक घटनाएं जैसे कि युद्ध, प्राकृतिक आपदाएं, या किसी देश विशेष में उत्पादन में गिरावट का सीधा असर तेल की सप्लाई पर पड़ता है, जिससे कीमतें बढ़ या घट सकती हैं। जब पेट्रोल-डीजल महंगा होता है, तो इसका असर सिर्फ परिवहन क्षेत्र तक सीमित नहीं रहता, बल्कि खाद्य पदार्थों, रोजमर्रा की जरूरत की चीजों और समग्र महंगाई पर भी दिखाई देता है।