
खुद का घर खरीदना हर इंसान का सपना होता है, और जब यह सपना महिला के नाम पर साकार होता है, तो इससे न सिर्फ भावनात्मक संतोष मिलता है, बल्कि आर्थिक स्तर पर भी कई बड़े फायदे मिलते हैं। आज के समय में, जब लोग प्रॉपर्टी खरीदने से पहले हर संभव तरीके से पैसे बचाने की कोशिश करते हैं, ऐसे में महिला के नाम पर घर या प्रॉपर्टी खरीदना एक स्मार्ट और दूरदर्शी निर्णय हो सकता है। इसमें टैक्स छूट (Tax Benefits) से लेकर स्टाम्प ड्यूटी की बचत, और सरकारी योजनाओं (Government Schemes) तक का लाभ उठाया जा सकता है।
धारा 80सी के तहत टैक्स छूट
अगर घर या प्रॉपर्टी महिला के नाम पर खरीदी जाती है और होम लोन भी महिला के नाम पर होता है, तो Income Tax Act की धारा 80C के तहत हर साल 1.5 लाख रुपये तक की टैक्स छूट मिल सकती है। यह विशेष रूप से कामकाजी महिलाओं के लिए लाभदायक है, जो अकेले या अपने पति के साथ मिलकर संपत्ति की मालिकाना हक रखती हैं। यह छूट होम लोन के प्रिंसिपल अमाउंट के रीपेमेंट पर लागू होती है।
धारा 24(बी) के तहत ब्याज पर अतिरिक्त छूट
होम लोन पर ब्याज भुगतान पर भी 2 लाख रुपये तक की अतिरिक्त टैक्स डिडक्शन ली जा सकती है, जो Section 24(b) के अंतर्गत आती है। यदि महिला अपने नाम पर होम लोन लेती है, तो वह इस छूट का लाभ उठा सकती है। इस प्रकार, कुल मिलाकर 3.5 लाख रुपये तक की टैक्स बचत संभव हो सकती है।
कम स्टाम्प ड्यूटी शुल्क
भारत के कई राज्यों में महिलाओं के लिए स्टाम्प ड्यूटी में 1% से 2% तक की छूट दी जाती है। उदाहरण के लिए, यदि 50 लाख रुपये की प्रॉपर्टी पर सामान्य स्टाम्प ड्यूटी 7% है, तो महिला खरीदार को यह दर केवल 5% या 6% तक ही देनी पड़ सकती है। इससे 50,000 से लेकर 1 लाख रुपये तक की बचत की जा सकती है। यह छूट महिलाओं को वित्तीय रूप से अधिक सक्षम बनाती है।
सरकारी योजनाओं और सब्सिडी का लाभ
भारत सरकार द्वारा महिलाओं के लिए Housing Schemes जैसे प्रधानमंत्री आवास योजना-PMAY के तहत, उन महिलाओं को होम लोन पर ब्याज सब्सिडी मिलती है जो घर की प्राथमिक मालिक होती हैं। यह सब्सिडी 6.5% तक की ब्याज दर में राहत देती है और महिला खरीदार के लिए संपत्ति खरीदना आसान और किफायती बनाती है।
संपत्ति विवाद में कानूनी सुरक्षा
यदि प्रॉपर्टी किसी महिला के नाम पर होती है, तो उसके पास उस पर कानूनी अधिकार स्पष्ट और सुरक्षित होते हैं। कई मामलों में, अदालतों द्वारा महिला के नाम पर संपत्ति को सुरक्षित संपत्ति माना जाता है, खासकर पारिवारिक विवादों या विरासत मामलों में। इससे महिला को संपत्ति में उसका हिस्सा सुनिश्चित करने में सहायता मिलती है।