1 मई से इन 15 बैंकों में रुक जाएगा लेन-देन! नहीं निकाल सकते पैसे, न जमा कर पाएंगे

1 मई 2025 से 11 राज्यों के 15 ग्रामीण बैंकों का विलय करते हुए सरकार ने एक नया बैंकिंग ढांचा प्रस्तुत किया है। “एक राज्य, एक ग्रामीण बैंक” नीति के तहत अब बैंकिंग सेवा अधिक सुरक्षित, तकनीकी और ग्राहकों के अनुकूल होगी। जमा धन और बैंक खातों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। ग्राहकों को बदलावों की जानकारी SMS और ईमेल के जरिए दी जाएगी।

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1 मई से इन 15 बैंकों में रुक जाएगा लेन-देन! नहीं निकाल सकते पैसे, न जमा कर पाएंगे
15 बैंकों में रुक जाएगा लेन-देन

1 मई 2025 से ग्रामीण बैंकिंग प्रणाली में एक बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा, क्योंकि देशभर के 15 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (RRBs) को बंद कर दिया जा रहा है। दरअसल, यह बंदी किसी संकट के कारण नहीं बल्कि केंद्र सरकार की “एक राज्य, एक ग्रामीण बैंक” नीति के अंतर्गत एक रणनीतिक कदम है। इस निर्णय का उद्देश्य है बैंकिंग सेवाओं को अधिक संगठित, तकनीकी रूप से उन्नत और ग्राहक हितैषी बनाना।

क्यों हो रहे हैं ये ग्रामीण बैंक बंद?

भारत सरकार और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने मिलकर ग्रामीण बैंकिंग को अधिक कुशल बनाने की दिशा में यह ऐतिहासिक कदम उठाया है। वर्तमान में देश में 43 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक कार्यरत हैं, लेकिन 1 मई 2025 के बाद इनकी संख्या घटकर 28 रह जाएगी।

इस विलय के पीछे मुख्य कारण है प्रशासनिक खर्चों को घटाना, डिजिटल बैंकिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करना और ग्रामीण ग्राहकों को एकसमान एवं बेहतर सेवाएं देना। उदाहरण के लिए, आंध्र प्रदेश के तीन प्रमुख ग्रामीण बैंकों — चैतन्य गोदावरी ग्रामीण बैंक, आंध्र प्रगति ग्रामीण बैंक और सप्तगिरी ग्रामीण बैंक — को मिलाकर अब केवल एक नया बैंक बनेगा: आंध्र प्रदेश ग्रामीण विकास बैंक।

किन राज्यों को होगा असर?

इस नीति का सीधा असर 11 राज्यों के ग्राहकों पर पड़ेगा:

आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, गुजरात, जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा और राजस्थान में स्थित सभी संबंधित ग्रामीण बैंकों का एकीकृत रूप से विलय कर दिया जाएगा।

इन राज्यों में मौजूद बैंकों को एकीकृत करने से न केवल प्रशासनिक कामकाज आसान होगा, बल्कि ग्राहकों को बेहतर तकनीकी सुविधा, त्वरित लोन प्रोसेसिंग और मजबूत कस्टमर सपोर्ट मिलेगा।

ग्राहकों पर क्या असर पड़ेगा?

सबसे महत्वपूर्ण सवाल यही है कि इस बदलाव से आम बैंक ग्राहकों पर क्या असर होगा?

यहाँ राहत की बात है कि ग्राहकों को किसी तरह की घबराहट की जरूरत नहीं है। आपकी जमा राशि, चल रहे लोन, खातों की स्थिति या अन्य बैंकिंग सेवाओं पर कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ेगा

जरूरत पड़ने पर बैंक SMS, ईमेल या नोटिस के माध्यम से नए बैंक का नाम, IFSC कोड, खाता संख्या या अन्य तकनीकी बदलाव की जानकारी देगा। यदि चेकबुक, पासबुक या डेबिट कार्ड को बदलने की आवश्यकता हुई तो बैंक द्वारा नए डॉक्युमेंट उपलब्ध कराए जाएंगे — वह भी बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के।

इस विलय के क्या होंगे फायदे?

सरकार और RBI के इस कदम से ग्राहकों को कई लाभ मिल सकते हैं, जैसे:

  • ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर डिजिटल बैंकिंग अनुभव — अब मोबाइल बैंकिंग और UPI सेवाओं का दायरा बढ़ेगा।
  • सशक्त टेक्नोलॉजी — विलय के बाद बैंक बेहतर साइबर सुरक्षा और डेटा मैनेजमेंट से लैस होंगे।
  • तेज और पारदर्शी लोन सुविधा — लोन वितरण प्रणाली में सुधार होगा और प्रक्रिया अधिक सरल होगी।
  • बेहतर कस्टमर सर्विस — अब शिकायत निवारण और सहायता सेवाएं केंद्रीकृत होंगी जिससे जवाबदेही बढ़ेगी।

बंद हो रहे प्रमुख बैंक

कुछ प्रमुख बैंकों की सूची इस प्रकार है जिनका विलय अब नए बैंकों में हो जाएगा:

  • आंध्र प्रदेश: चैतन्य गोदावरी ग्रामीण बैंक, सप्तगिरी ग्रामीण बैंक
  • उत्तर प्रदेश: आर्यावर्त बैंक, प्रथम यूपी ग्रामीण बैंक
  • पश्चिम बंगाल: बंगिया ग्रामीण बैंक, उत्तर बंगाल RRB
  • बिहार: दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक, उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक
  • गुजरात: सौराष्ट्र ग्रामीण बैंक
  • जम्मू-कश्मीर: जे एंड के ग्रामीण बैंक, इलाकाई ग्रामीण बैंक

इन सभी को संबंधित राज्य के अन्य RRBs के साथ मिलाकर एकीकृत ग्रामीण बैंक बनाया जाएगा।

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