
जहानाबाद से सामने आई एक अनोखी जानकारी ने किसानों के लिए रबी फसल (Rabi Crop) के भंडारण को आसान बना दिया है। गेहूं, चना और मसूर जैसी प्रमुख फसलों को लंबे समय तक सुरक्षित रखने के लिए एक देसी जुगाड़ फिर से चर्चा में है। कृषि विज्ञान केंद्र जहानाबाद के फसल विशेषज्ञ डॉ. मनोज कुमार ने लोकल 18 टीम को बताया कि किस तरह सही कटाई और सटीक भंडारण विधि अपनाकर किसान अपने उत्पाद को कीड़ों से बचाकर 4-5 साल तक सुरक्षित रख सकते हैं।
कटाई और सुखाने की प्रक्रिया से होती है शुरुआत
रबी फसल के सही भंडारण से पहले उनकी कटाई (Harvesting) बेहद अहम होती है। डॉ. मनोज के अनुसार, गेहूं (Wheat), चना (Gram), मसूर (Lentil), और राय (Mustard) की कटाई तभी करनी चाहिए जब फसल पूर्ण परिपक्व हो जाए। उदाहरण के तौर पर, गेहूं की बालियां जब हल्की टेढ़ी होने लगें तो यह संकेत होता है कि कटाई का समय आ गया है। इसके बाद थ्रेशिंग यानी दानों को बालियों से अलग करना अच्छी तरह से किया जाना चाहिए।
कटाई और थ्रेशिंग के बाद फसल को भंडारण से पहले सुखाना जरूरी होता है। खासतौर से गेहूं के दानों को अच्छी तरह सुखाना चाहिए। एक आसान घरेलू तरीका है कि यदि गेहूं का दाना दांत के नीचे रखने पर कड़क आवाज करे तो समझ जाइए वह पूरी तरह सूख चुका है और अब भंडारण योग्य हो गया है।
Mobil ड्रम में करें फसल का स्टोरेज, कीड़ों से मिलेगी राहत
भंडारण की प्रक्रिया में सबसे जरूरी है कि फसल को किस चीज में रखा जाए। एक्सपर्ट डॉ. मनोज कुमार ने बताया कि पुराने समय से ही गांवों में एक देसी तरीका अपनाया जाता रहा है—Mobil ड्रम का उपयोग। यानी खाली Mobil ऑयल के लोहे के ड्रम को साफ करके उसमें गेहूं, चना या मसूर को स्टोर कर दिया जाए।
इस विधि की सबसे बड़ी खासियत यह है कि ड्रम पूरी तरह बंद रहते हैं जिससे नमी और कीड़े दोनों से बचाव होता है। एक बार Mobil ड्रम में भंडारण कर दिया जाए तो किसान 4-5 साल तक बेफिक्र हो सकते हैं। यह तरीका Low Cost है और आसानी से हर गांव या कस्बे में अपनाया जा सकता है।
भंडारण से पहले यह सावधानियां भी हैं जरूरी
ड्रम का उपयोग करने से पहले कुछ सावधानियां बरतना बेहद जरूरी है। Mobil ड्रम को अच्छे से साफ किया जाना चाहिए, ताकि उसमें मौजूद तेल या ग्रीस का अंश फसल को नुकसान न पहुंचा सके। ड्रम के ढक्कन को कसकर बंद करना चाहिए ताकि हवा और कीड़े अंदर न जा सकें।
इसके अलावा, यह भी देखा गया है कि यदि ड्रम में भंडारण करने से पहले उसमें नीम की सूखी पत्तियां डाल दी जाएं, तो यह प्राकृतिक कीटनाशक का काम करती हैं। इससे फसल में कीड़ों की संभावना लगभग समाप्त हो जाती है।
क्यों देसी जुगाड़ आज भी है कारगर?
आज जब बाजार में कई आधुनिक भंडारण उपकरण उपलब्ध हैं, ऐसे में यह सवाल उठना लाजिमी है कि आखिर देसी जुगाड़ क्यों? इसके पीछे एक बड़ा कारण यह है कि यह विधि सरल, किफायती और ग्रामीण परिवेश में आसानी से उपलब्ध है। Mobil ड्रम को किसान स्क्रैप या कबाड़ी बाजार से आसानी से सस्ते में खरीद सकते हैं।
इसके अलावा, आधुनिक भंडारण तकनीकों की तुलना में यह तरीका किसानों के लिए ज्यादा भरोसेमंद साबित हुआ है, खासकर उन इलाकों में जहां बिजली, गोदाम या पक्के भंडारण की सुविधा नहीं है।
किसानों को राहत और सशक्तिकरण की दिशा में कदम
इस देसी जुगाड़ को अपनाकर किसान न केवल अपनी फसलों को सुरक्षित रख सकते हैं बल्कि अनावश्यक नुकसान और खर्च से भी बच सकते हैं। कीटों की वजह से हर साल लाखों टन अनाज खराब हो जाता है। ऐसे में यदि यह तरीका व्यापक रूप से अपनाया जाए तो देश में अनाज की बर्बादी में कमी लाई जा सकती है।
कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा दी गई यह सलाह किसानों के लिए काफी लाभदायक हो सकती है, खासकर उन छोटे और सीमांत किसानों के लिए जिनके पास गोदाम या आधुनिक स्टोरेज की सुविधा नहीं होती।