
नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) अब देशभर के टोल प्लाजा को स्मार्ट टेक्नोलॉजी से लैस करने की दिशा में बड़ा कदम उठाने जा रही है। इस दिशा में पहला प्रयोग राजस्थान (Rajasthan) में किया जाएगा, जहां कुछ चुनिंदा टोल प्लाजा पर स्मार्ट ई-डिटेक्शन सिस्टम (Smart E-Detection System) लगाया जाएगा। यह सिस्टम बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के वाहनों की जांच करेगा और अगर कोई नियम तोड़ा गया है तो उसी समय ऑटोमैटिक पेनल्टी (Automatic Penalty) भी लागू करेगा।
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पहले चरण में राजस्थान के सात टोल प्लाजा पर होगा सिस्टम लागू
NHAI के अनुसार इस अत्याधुनिक प्रणाली की शुरुआत राजस्थान में सात टोल प्लाजा से की जाएगी। इनमें NH-52, कुचामन-कोटपुतली स्टेट हाईवे और झुंझुनूं रोड शामिल हैं। इन टोल प्लाजा पर अब वाहनों की मैन्युअल जांच की बजाय हाई-रेजोलूशन कैमरा और एडवांस्ड सॉफ्टवेयर सिस्टम का इस्तेमाल किया जाएगा।
हाई-रेजोलूशन कैमरा और सॉफ्टवेयर से होगी जांच
यह स्मार्ट सिस्टम हाई-रेजोलूशन कैमरा से वाहन की नंबर प्लेट को स्कैन करेगा। इसके बाद एक विशेष सॉफ्टवेयर वाहन की रजिस्ट्री संबंधित जानकारी जैसे इंश्योरेंस, फिटनेस सर्टिफिकेट, पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल (PUC) और रजिस्ट्रेशन वैलिडिटी को रीयल टाइम में चेक करेगा। अगर इनमें से कोई भी दस्तावेज अनुपलब्ध या अवैध पाया गया तो वाहन मालिक पर तुरंत जुर्माना लगाया जाएगा और उसकी जानकारी SMS के जरिए भेज दी जाएगी।
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वाहन मालिकों को मोबाइल नंबर अपडेट करना होगा जरूरी
इस सिस्टम के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए सरकार वाहन मालिकों से अपील करेगी कि वे अपने रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC) में सही मोबाइल नंबर अपडेट करें। जयपुर आरटीओ के एक अधिकारी के अनुसार यह अपडेट या तो वाहन पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन किया जा सकता है या फिर सीधे संबंधित आरटीओ ऑफिस में जाकर भी किया जा सकता है। यह डेटा केंद्रीय सरकार के वाहन पोर्टल और स्थानीय RTO डाटाबेस से लिंक रहेगा।
नियम उल्लंघन पर तुरंत एक्शन और रेवेन्यू में इजाफा
इस स्मार्ट टेक्नोलॉजी का मकसद सिर्फ कानून पालन को सुनिश्चित करना ही नहीं है, बल्कि इससे ट्रैफिक विभाग के राजस्व में भी उल्लेखनीय वृद्धि होने की संभावना है। एनएचएआई के अनुसार, यह प्रणाली मोटर व्हीकल अमेंडमेंट एक्ट 2019 के तहत लाई जा रही है। इसके तहत वाहन की ओवरलोडिंग, वैध दस्तावेजों की अनुपस्थिति, और प्रदूषण प्रमाण पत्र की वैधता जैसी बातों पर भी नजर रखी जाएगी।
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भविष्य में शहरों और स्टेट हाईवे पर भी होगा विस्तार
एनएचएआई की योजना है कि पहले चरण की सफलता के बाद इस स्मार्ट ई-डिटेक्शन सिस्टम को अन्य स्टेट हाईवे, नेशनल हाईवे, और शहरी सड़कों पर भी लागू किया जाए। इससे पूरे देश में ट्रैफिक नियमों का पालन सख्ती से हो सकेगा और नागरिकों को नियमों के प्रति अधिक जागरूक बनाया जा सकेगा।
तकनीक और कानून का समावेश
यह सिस्टम तकनीक और कानून का एक शानदार मेल है, जो ट्रैफिक कानूनों को मजबूती से लागू करने में कारगर होगा। इससे न सिर्फ डिजिटल गवर्नेंस को बल मिलेगा बल्कि वाहन चालकों की जवाबदेही भी बढ़ेगी। यह भारत के ट्रांसपोर्ट सिस्टम को एक स्मार्ट और पारदर्शी स्वरूप देने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।