
उत्तर प्रदेश (UP) में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) के निर्देश पर अब वसीयत (Will) और संपत्ति बंटवारे (Property Distribution) से जुड़े कार्यों के लिए एक समान शुल्क लिया जाएगा, चाहे वह छोटा शहर हो या बड़ा। यह फैसला राज्य भर में समानता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लिया गया है। नगर विकास विभाग (Urban Development Department) इस संबंध में जल्द ही शासनादेश (Government Order) जारी करने जा रहा है, जो सभी नगर निकायों में लागू होगा।
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छोटे-बड़े शहरों में एक जैसा शुल्क, खत्म होगी भेदभाव की स्थिति
अब तक प्रदेश के अलग-अलग नगर निकायों में वसीयत और संपत्ति बंटवारे के शुल्क में असमानता थी। बड़े शहरों जैसे लखनऊ, कानपुर, मेरठ, नोएडा आदि में जहां यह शुल्क अधिक था, वहीं छोटे शहरों और कस्बों में यह शुल्क तुलनात्मक रूप से कम था। इससे न केवल जनता में भ्रम की स्थिति बनती थी, बल्कि कई बार भ्रष्टाचार और नियमों की अनदेखी भी होती थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस नए निर्देश से अब पूरे प्रदेश में समान शुल्क की व्यवस्था लागू होगी, जिससे सभी नागरिकों को समान लाभ मिलेगा।
नगर विकास विभाग करेगा शासनादेश जारी
मुख्यमंत्री कार्यालय से निर्देश मिलते ही नगर विकास विभाग इस दिशा में तेजी से कार्य कर रहा है। विभाग के अधिकारियों ने संकेत दिए हैं कि आगामी कुछ दिनों में इस विषय पर विस्तृत शासनादेश जारी कर दिया जाएगा। शासनादेश में यह स्पष्ट किया जाएगा कि वसीयत और संपत्ति बंटवारे के लिए शुल्क कितना होगा और इसे लागू करने की प्रक्रिया क्या होगी।
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नागरिकों को मिलेगा राहत, होगी प्रक्रिया सरल
नई व्यवस्था से आम जनता को काफी राहत मिलने की उम्मीद है। अब लोगों को यह सोचने की जरूरत नहीं होगी कि किस शहर में वसीयत या संपत्ति का बंटवारा कराना सस्ता पड़ेगा। यह कदम खासकर बुजुर्गों और ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों के लिए सहायक सिद्ध होगा, जो प्रायः ऐसी प्रक्रियाओं को महंगा और जटिल मानकर टालते रहते हैं।
इसके अलावा, यह निर्णय ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ (Ease of Doing Business) की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, क्योंकि यह संपत्ति हस्तांतरण (Property Transfer) की प्रक्रिया को सरल, पारदर्शी और भरोसेमंद बनाएगा।
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डिजिटल प्लेटफॉर्म पर भी आएगा बदलाव
नगर विकास विभाग इस प्रक्रिया को ऑनलाइन (Online) और डिजिटल फॉर्मेट में भी उपलब्ध कराने की योजना बना रहा है। इससे लोग अपने घर बैठे ही वसीयत से जुड़े दस्तावेज तैयार करवा सकेंगे और शुल्क भी डिजिटल माध्यम से जमा कर पाएंगे। यह कदम डिजिटल इंडिया (Digital India) अभियान को भी मजबूती देगा।
भ्रष्टाचार पर लगेगी लगाम, प्रक्रिया होगी पारदर्शी
एक समान शुल्क प्रणाली से भ्रष्टाचार पर भी अंकुश लगेगा। अभी तक अलग-अलग नगर निकायों में स्थानीय अधिकारी अपने विवेक से शुल्क तय कर लेते थे, जिससे जनता को कई बार अनावश्यक धनराशि चुकानी पड़ती थी। अब एक स्पष्ट शासनादेश आने के बाद किसी को भी शुल्क में हेरफेर करने का मौका नहीं मिलेगा।
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यह निर्णय राज्य के समावेशी विकास की ओर एक कदम
योगी सरकार का यह कदम ‘सबका साथ, सबका विकास’ की नीति को मजबूती देता है। यह निर्णय न केवल कानूनी प्रक्रिया को सरल करेगा, बल्कि सभी नागरिकों को समान अधिकार और लाभ सुनिश्चित करने की दिशा में भी मील का पत्थर साबित होगा।
आगे क्या?
नगर विकास विभाग द्वारा शासनादेश जारी होते ही सभी नगर निकायों को इसकी पालना सुनिश्चित करनी होगी। अधिकारियों को निर्देश दिए जाएंगे कि वे नई प्रणाली के अनुसार शुल्क वसूलें और किसी भी प्रकार की अनियमितता न होने दें। साथ ही आमजन को जागरूक करने के लिए प्रचार-प्रसार भी किया जाएगा।