RBI की बड़ी कार्रवाई! इन 5 बैंकों पर लगा करोड़ों का जुर्माना, इन 2 बड़े बैंकों पर 97.80 लाख और 61.40 लाख का जुर्माना

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने ICICI बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा और तीन अन्य बैंकों पर नियामकीय उल्लंघनों के चलते जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना साइबर सुरक्षा, KYC और ग्राहक सेवा से जुड़े नियमों की अनदेखी के कारण लगाया गया है। यह कदम बैंकिंग सेक्टर में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में उठाया गया महत्वपूर्ण निर्णय है।

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RBI की बड़ी कार्रवाई! इन 5 बैंकों पर लगा करोड़ों का जुर्माना, इन 2 बड़े बैंकों पर 97.80 लाख और 61.40 लाख का जुर्माना
RBI की बड़ी कार्रवाई

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने हाल ही में ICICI बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, एक्सिस बैंक समेत कुल पांच बैंकों पर नियामकीय निर्देशों के उल्लंघन के चलते जुर्माना लगाया है। यह कदम वित्तीय प्रणाली में अनुशासन बनाए रखने और बैंकिंग सेक्टर में पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण संकेत है। RBI द्वारा की गई इस कार्रवाई का मकसद स्पष्ट है—बैंकों को नियामकीय ढांचे का सख्ती से पालन करने के लिए बाध्य करना।

आईसीआईसीआई बैंक और अन्य पर लगे जुर्माने का कारण

RBI के अनुसार, ICICI बैंक पर ₹97.80 लाख का जुर्माना लगाया गया है। यह जुर्माना ‘Cyber Security Framework’, ‘Know Your Customer (KYC)’ और ‘क्रेडिट एवं डेबिट कार्ड के जारी करने तथा उनके संचालन’ संबंधी नियामकीय निर्देशों के उल्लंघन के लिए लगाया गया है।

बैंक ऑफ बड़ौदा को ₹61.40 लाख का जुर्माना भुगतना पड़ा है। जबकि अन्य तीन बैंकों के नाम और उल्लंघनों की विशिष्ट जानकारी फिलहाल सार्वजनिक नहीं की गई है, परंतु यह स्पष्ट है कि इन बैंकों द्वारा ‘ग्राहक सेवा’ और ‘बैंकों द्वारा प्रदान की जाने वाली वित्तीय सेवाएं’ से जुड़े नियमों का उल्लंघन हुआ है।

RBI की स्पष्टीकरण और नियामकीय दृष्टिकोण

भारतीय रिज़र्व बैंक ने इस कार्रवाई को “नियामकीय अनुपालन में कमी” करार दिया है। RBI ने यह भी साफ किया है कि इन जुर्मानों का ग्राहकों के लेन-देन या सेवाओं पर कोई प्रत्यक्ष असर नहीं होगा। इसका मकसद केवल बैंकों को नियामकीय जिम्मेदारियों के प्रति सजग करना है।

RBI के इस कदम को बैंकिंग सेक्टर के लिए एक चेतावनी के रूप में देखा जा रहा है कि किसी भी तरह की ढिलाई अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यह कार्रवाई यह सुनिश्चित करती है कि सभी बैंक, चाहे वो बड़े निजी बैंक हों या सार्वजनिक, नियामकीय प्रोटोकॉल का पालन करें।

आर्थिक प्रणाली पर प्रभाव और बैंकिंग पारदर्शिता का महत्व

ऐसी कार्रवाइयाँ केवल आर्थिक अनुशासन को मजबूत करने का जरिया नहीं हैं, बल्कि इससे ग्राहकों का भरोसा भी कायम रहता है। जब बैंक अपने Regulatory Compliance का पालन करते हैं, तो पूरे वित्तीय सिस्टम में स्थिरता और पारदर्शिता बनी रहती है।

RBI द्वारा अपनाया गया यह कठोर रुख इस ओर इशारा करता है कि भविष्य में और अधिक निगरानी और जांचें हो सकती हैं, विशेष रूप से ऐसे मामलों में जहाँ ग्राहकों की संवेदनशील जानकारी या बैंक की डिजिटल सुरक्षा खतरे में हो।

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