Traffic Challan Rules: ट्रैफिक चालानों पर सरकार ने लिया बड़ा फैसला, जानें नया नियम

आर.टी.ओ. कार्यालय ने पुराने ट्रैफिक चालानों को अदालत को सौंपने का बड़ा फैसला लिया है। इससे न केवल एजेंटों की भूमिका खत्म होगी, बल्कि पारदर्शिता और प्रक्रिया में तेजी आएगी। अब ऑफलाइन चालान कोर्ट के अधीन होंगे जबकि ऑनलाइन चालानों को आर.टी.ओ. देखेगा। निर्णय से ट्रैफिक सिस्टम में सुधार और जनता को राहत की उम्मीद है।

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Traffic Challan Rules: ट्रैफिक चालानों पर सरकार ने लिया बड़ा फैसला, जानें नया नियम
Traffic Challan Rules

जिला रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिस (आर.टी.ओ.) ने ट्रैफिक चालानों के निपटारे को लेकर एक बड़ा प्रशासनिक फैसला लिया है, जिससे आम नागरिकों को राहत मिलने की उम्मीद है। बीते कुछ महीनों से चालान निपटाने के लिए आर.टी.ओ. ऑफिस में बढ़ती भीड़ और काम के दबाव को देखते हुए अब सभी पुराने ऑफलाइन ट्रैफिक चालान सीधे जिला अदालत को भेजे जा रहे हैं। इस कदम का मुख्य उद्देश्य कार्यप्रणाली को पारदर्शी बनाना और भ्रष्टाचार की उन खिड़कियों को बंद करना है, जिनके ज़रिए एजेंट वर्षों से अवैध रूप से लाभ ले रहे थे।

एक सप्ताह में भेजे गए 22,300 चालान

ए.आर.टी.ओ. विशाल गोयल ने जानकारी दी कि आर.टी.ओ. बलबीर राज सिंह के निर्देशों पर पिछले एक सप्ताह के भीतर करीब 22,300 ट्रैफिक चालानों को जब्त दस्तावेजों सहित डिस्ट्रिक्ट ज्यूडिशियल कोर्ट को सौंपा गया है। उन्होंने बताया कि अब यदि किसी वाहन मालिक या चालक को पेंडिंग चालान का निपटारा करना है, तो उसे अदालत से संपर्क करना होगा, न कि आर.टी.ओ. कार्यालय से।

पुरानी व्यवस्था बनी विभाग के लिए सिरदर्द

आर.टी.ओ. अधिकारियों का कहना है कि पिछले कई वर्षों से जमा हो रहे चालान विभाग के लिए एक बड़ा बोझ बनते जा रहे थे। इनका रिकॉर्ड संभालना, उन्हें ट्रेस करना और भुगतान की प्रक्रिया पूरी करना, सभी कार्य स्टाफ की कार्यक्षमता को प्रभावित कर रहे थे। आर.टी.ओ. बलबीर राज सिंह के अनुसार, अधिकतर ऑफलाइन चालानों को ट्रैक करना बेहद समय-consuming हो गया था, जिससे रोज़मर्रा के जरूरी काम भी प्रभावित हो रहे थे। इसके अलावा, लंबी लाइनों और जटिल प्रक्रियाओं से तंग आकर लोग एजेंटों के भरोसे चलने लगे थे, जो मोटी फीस वसूलते थे।

अदालत के जरिए होगा भुगतान, एजेंटों की भूमिका हुई खत्म

वर्षों से यह शिकायत मिल रही थी कि चालान भुगतने की प्रक्रिया में एजेंट और बिचौलिए सक्रिय रहते हैं, जो आम जनता को गुमराह कर उनसे बड़ी रकम वसूलते हैं। लेकिन अब जब चालान सीधे अदालत को भेजे जा रहे हैं, और वहीं से उनका भुगतान होगा, तो एजेंटों का हस्तक्षेप स्वतः समाप्त हो जाएगा। यह फैसला सिस्टम में ट्रांसपेरेंसी-Transparency लाने और नागरिकों को सशक्त करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

चालान भेजेगी ट्रैफिक पुलिस, आर.टी.ओ. करेगा फॉरवर्ड

इस बदलाव के तहत ट्रैफिक पुलिस पहले की तरह चालान बनाएगी और उन्हें आर.टी.ओ. कार्यालय भेजेगी, लेकिन आर.टी.ओ. अब इन चालानों को पेंडिंग रखने के बजाय प्रतिदिन की आधार पर उन्हें डिस्ट्रिक्ट कोर्ट को फॉरवर्ड करेगा। इससे न सिर्फ कार्यप्रणाली तेज़ होगी, बल्कि फाइलों की भीड़ भी कम होगी।

केवल ऑनलाइन चालानों का निपटारा करेगा आर.टी.ओ.

ए.आर.टी.ओ. विशाल गोयल ने यह स्पष्ट किया है कि आर.टी.ओ. अब केवल ऑनलाइन ट्रैफिक चालानों के निपटारे में ही शामिल रहेगा। यानी यदि किसी व्यक्ति ने चालान ऑनलाइन भुगता है या ऑनलाइन प्रक्रिया के तहत निपटारा चाहता है, तो वह आर.टी.ओ. से संपर्क करेगा। जबकि सभी पुराने, नए या विवादित ऑफलाइन चालान अब सीधे जिला अदालत के अधीन होंगे। इससे आम जनता को यह तय करने में आसानी होगी कि किस प्रकार के चालान के लिए कहां जाना है।

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