
व्यापारियों के बीच लंबे समय से यह शिकायत रही है कि जीएसटी-GST प्रणाली जटिल होने के कारण उनका रोज़मर्रा का व्यापार प्रभावित होता है। समय-समय पर रिटर्न भरने की अनिवार्यता, तकनीकी जटिलताएं और त्रुटियों के कारण लगने वाला हर्जाना, यह सभी कारक उनके लिए सिरदर्द बन गए थे। लेकिन अब दिल्ली सरकार द्वारा प्रस्तावित जीएसटी माफी योजना व्यापारियों को इस बोझ से राहत दिलाने का वादा करती है।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने हाल ही में एक व्यापारिक कार्यक्रम में इस योजना की घोषणा करते हुए कहा कि सरकार व्यापारियों की पुरानी जीएसटी विवादों को समाप्त करने के लिए एक बार की माफी योजना लेकर आएगी। इस योजना के अंतर्गत व्यापारी अपने पुराने टैक्स विवादों को सुलझाकर नए तरीके से टैक्स प्रणाली में सम्मिलित हो सकेंगे। यह कदम न सिर्फ उनके वित्तीय बोझ को हल्का करेगा बल्कि टैक्स नियमों के अनुपालन को भी सरल और सुगम बनाएगा।
व्यापार शुरू करना अब होगा आसान: नई इंडस्ट्रियल पॉलिसी का ऐलान
दिल्ली सरकार की नई इंडस्ट्रियल पॉलिसी का उद्देश्य न केवल उद्योगों को बढ़ावा देना है बल्कि रोजगार के अवसरों में भी वृद्धि करना है। इसके तहत सिंगल विंडो सिस्टम लागू किया जाएगा, जिससे व्यापारियों को अलग-अलग विभागों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। दस्तावेज़ों की प्रक्रिया और लाइसेंसिंग को डिजिटल और समयबद्ध बनाने की दिशा में यह एक प्रभावशाली कदम है।
इससे न केवल व्यापार शुरू करने की प्रक्रिया में गति आएगी बल्कि नए निवेशकों को भी आकर्षित किया जा सकेगा। नीति में वेयरहाउसिंग को भी विशेष प्राथमिकता दी गई है जिससे लॉजिस्टिक्स सेक्टर को मजबूती मिलेगी।
बाजारों का नवीनीकरण और ट्रेडर्स वेलफेयर बोर्ड का गठन
पर्यटन और व्यापार को एक साथ जोड़ने की योजना के तहत दिल्ली सरकार प्रमुख बाजारों के नवीनीकरण पर काम कर रही है। चांदनी चौक जैसे ऐतिहासिक और भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में सौंदर्यीकरण के साथ आधुनिक सुविधाओं की उपलब्धता को सुनिश्चित किया जाएगा। इससे एक ओर पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी, वहीं व्यापारियों के लिए वातावरण और सुविधाएं बेहतर होंगी।
सरकार द्वारा प्रस्तावित ‘ट्रेडर्स वेलफेयर बोर्ड’ का गठन भी इसी दिशा में एक अहम पहल है, जो व्यापारियों की समस्याओं को सीधे सरकार तक पहुंचाने और उनके निराकरण की प्रक्रिया को सुगम बनाएगा।