
Social Media Account Ban Rules In India के तहत यह जानना बेहद जरूरी है कि भारत सरकार किसी का सोशल मीडिया अकाउंट कब और कैसे बंद कर सकती है। 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने कई पाकिस्तानी कलाकारों के Instagram और X (पूर्व में Twitter) अकाउंट्स को भारत में बैन कर दिया। साथ ही, कई Pakistani YouTube channels को भी ब्लॉक किया गया है। इस फैसले ने लोगों के बीच यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या भारत सरकार के पास यह अधिकार है कि वह मनमाने ढंग से किसी का भी अकाउंट बंद कर दे?
क्या भारत सरकार किसी का भी सोशल मीडिया अकाउंट बंद कर सकती है?
सीधा उत्तर है – नहीं। भारत सरकार के पास यह शक्ति तो है कि वह देश की सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था की रक्षा के लिए जरूरी कदम उठाए, लेकिन वह बिना किसी कानूनी प्रक्रिया के किसी भी व्यक्ति का सोशल मीडिया अकाउंट बंद नहीं कर सकती। इसके लिए Information Technology Act, 2000 और उसके तहत जारी IT Rules 2021 का पालन करना अनिवार्य होता है। ये नियम तय करते हैं कि किसी भी डिजिटल कंटेंट को हटाने या अकाउंट को सस्पेंड करने की प्रक्रिया क्या होगी।
कब सरकार ले सकती है सोशल मीडिया अकाउंट को बंद करने का निर्णय?
अगर किसी सोशल मीडिया अकाउंट से देश की एकता, अखंडता, सुरक्षा या विदेश संबंधों को नुकसान पहुँचाने वाली जानकारी साझा की जा रही हो, तो सरकार ऐसे अकाउंट्स पर कार्रवाई कर सकती है। Fake News, Hate Speech, Communal Provocation या Obscene Content जैसे कारणों के आधार पर अकाउंट को बैन किया जा सकता है।
सरकार के पास यह अधिकार तब सक्रिय होता है जब –
- अकाउंट से आतंकवाद, नफरत या असामाजिक तत्वों को बढ़ावा दिया जा रहा हो।
- किसी समुदाय विशेष को उकसाने की कोशिश की जा रही हो।
- Public Order और National Security को खतरे में डाला जा रहा हो।
- किसी आपात स्थिति जैसे दंगों के समय भड़काऊ सामग्री पोस्ट की जा रही हो।
इन मामलों में सरकार आईटी मंत्रालय के जरिए सोशल मीडिया कंपनियों को निर्देश जारी कर सकती है कि वे ऐसे अकाउंट्स को हटाएं या अस्थायी रूप से बंद करें। इसमें सोशल मीडिया कंपनियों को 24 से 48 घंटे का समय दिया जाता है, और कई मामलों में तत्काल कार्रवाई भी अपेक्षित होती है।
क्या सोशल मीडिया कंपनियां तुरंत मान जाती हैं सरकार के आदेश को?
यह पूरी तरह से मामले की गंभीरता पर निर्भर करता है। भारत सरकार की ओर से जारी आदेश संवैधानिक और कानूनी होना चाहिए। सोशल मीडिया कंपनियां उस आदेश की वैधता की समीक्षा करती हैं और ज़रूरत पड़ने पर संबंधित व्यक्ति को नोटिस भी भेजा जाता है। हालांकि, अगर कोई कंटेंट राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बनता है, तो तुरंत उसे हटाया जा सकता है।