School Bag Weight Rules: बच्चों के स्कूल बैग का वजन कितना होना चाहिए? क्लास के हिसाब से क्या है नियम जानें

भारत में बच्चों के स्कूल बैग के वजन को लेकर कई नियम बनाए गए हैं, जिनमें अंतरराष्ट्रीय मानदंडों, केंद्रीय विद्यालय संगठन (KVS) और राज्य सरकारों की पहलें शामिल हैं। यशपाल कमिटी की सिफारिशों से लेकर मध्य प्रदेश की नई शिक्षा नीति तक, उद्देश्य यही है कि बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास बिना अनावश्यक बोझ के हो सके।

Published On:
School Bag Weight Rules: बच्चों के स्कूल बैग का वजन कितना होना चाहिए? क्लास के हिसाब से क्या है नियम जानें
School Bag Weight Rules

भारत में स्कूल बैग का वजन लंबे समय से एक गंभीर विषय बना हुआ है। हर साल जैसे ही नया शैक्षणिक सत्र शुरू होता है, अभिभावक और विशेषज्ञ बच्चों के बस्तों की भारी भरकम स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हैं। कम उम्र के छात्रों के कंधों पर भारी किताबों का बोझ न केवल उनके शारीरिक विकास में बाधा डालता है, बल्कि यह एक मनोवैज्ञानिक दबाव भी बन सकता है। बच्चों के शारीरिक ढांचे और स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए समय-समय पर सरकार और शिक्षा विशेषज्ञों ने कई दिशानिर्देश और नियम बनाए हैं ताकि बच्चों को अत्यधिक बोझ से बचाया जा सके।

यशपाल कमिटी और स्कूल बैग के सुधार की पहल

भारत में सबसे पहले स्कूल बैग के वजन की ओर गंभीर ध्यान वर्ष 1993 में तब गया, जब यशपाल कमिटी ने इस विषय पर सिफारिशें दीं। कमिटी ने यह सुझाव दिया कि किताबों को स्कूल की संपत्ति माना जाए और छात्रों को स्कूल में ही रखने के लिए लॉकर उपलब्ध कराए जाएं। यह प्रस्ताव छात्रों को घर ले जाने वाले बस्ते के वजन को कम करने की दिशा में एक बड़ी पहल थी। हालांकि इसकी क्रियान्वयन की गति धीमी रही, लेकिन यह विचार आज भी बेहद प्रासंगिक है।

अंतरराष्ट्रीय मानदंडों की झलक

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्य नियमों के अनुसार, किसी भी छात्र के कंधों पर उसके शरीर के कुल वजन का 10% से अधिक नहीं होना चाहिए। उदाहरण के तौर पर, यदि किसी बच्चे का वजन 20 किलोग्राम है, तो उसका स्कूल बैग 2 किलोग्राम से ज्यादा नहीं होना चाहिए। यह मानदंड बाल मनोविज्ञान और शारीरिक विकास पर आधारित है और यह सुनिश्चित करता है कि बच्चे अपनी उम्र और क्षमता के अनुसार ही वजन उठाएं।

केन्द्रीय विद्यालय संगठन (KVS) के नियम

भारत सरकार के केंद्रीय विद्यालय संगठन (KVS) ने इस दिशा में ठोस कदम उठाए हैं। केवी में कक्षा 1 और 2 के छात्रों का बस्ता 2 किलोग्राम से अधिक नहीं होना चाहिए। कक्षा 3 और 4 के लिए यह सीमा 3 किलोग्राम तक तय की गई है। वहीं, कक्षा 5 से 8 के छात्रों के लिए यह वजन अधिकतम 4 किलोग्राम निर्धारित किया गया है। इससे बच्चों के शारीरिक स्वास्थ्य की रक्षा के साथ-साथ पढ़ाई का बोझ भी संतुलित करने की कोशिश की गई है।

मध्य प्रदेश सरकार द्वारा लागू नियम

मध्य प्रदेश सरकार ने नई शिक्षा नीति के तहत स्कूल बैग के वजन को लेकर विशेष नियम बनाए हैं। नर्सरी से दूसरी कक्षा तक के बच्चों को कोई होमवर्क नहीं देने की सिफारिश की गई है। इसके साथ ही, इन छात्रों के स्कूल बैग का अधिकतम वजन 2.2 किलोग्राम से ज्यादा नहीं होना चाहिए। इस कदम से बच्चों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने का संदेश मिलता है।

Follow Us On

Leave a Comment