
हरियाणा में गर्मी का मौसम आते ही स्कूलों में बच्चों और अभिभावकों के बीच गर्मी की छुट्टियों-Summer Vacations को लेकर चर्चा तेज हो गई है। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में यह घोषणा कर दी गई है कि 1 जून से 30 जून 2025 तक ग्रीष्मकालीन अवकाश रहेगा। हालांकि, मौसम विभाग की चेतावनियों और तापमान में बढ़ोतरी को देखते हुए संभावना जताई जा रही है कि छुट्टियां मई के अंतिम सप्ताह से ही आरंभ हो सकती हैं।
स्कूलों को निर्देश दिए गए हैं कि वे सुबह की असेंबली को सीमित करें और छात्रों को दोपहर में खुले में खेलने या बाहर जाने से रोकें। इसके साथ ही, प्रत्येक कक्षा में पीने के पानी की उपलब्धता अनिवार्य कर दी गई है। ये सभी निर्देश बच्चों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए लागू किए जा रहे हैं, ताकि वे भीषण गर्मी में असहज महसूस न करें।
अभिभावकों की चिंता और मांग
छोटे बच्चों के अभिभावकों ने राज्य शिक्षा विभाग से अपील की है कि बढ़ती गर्मी को देखते हुए स्कूलों की छुट्टियां जल्द शुरू की जाएं। उनका कहना है कि छोटे बच्चे दोपहर की चिलचिलाती धूप में स्कूल से घर लौटते समय बेहद परेशान होते हैं। कई बार वे डिहाइड्रेशन और थकावट जैसी समस्याओं से भी जूझते हैं।
कुछ अभिभावकों ने यह भी बताया कि स्कूलों में पर्याप्त ठंडी व्यवस्था नहीं है और यह बच्चों के लिए जोखिम भरा हो सकता है। शिक्षा विभाग से यह आग्रह किया जा रहा है कि वह मई के अंत से ही गर्मी की छुट्टियों की शुरुआत करे, ताकि बच्चों को अत्यधिक गर्मी से राहत मिल सके।
स्कूलों की तैयारियां और प्रशासन की सतर्कता
राज्य शिक्षा विभाग ने सभी स्कूलों को सावधानी बरतने के निर्देश दिए हैं। सुबह की असेंबली अब छोटी अवधि में संपन्न की जा रही है। शिक्षकों को हिदायत दी गई है कि वे कक्षाओं के भीतर छात्रों को अधिकतर समय रखें और धूप में कोई गतिविधि न कराएं।
स्कूल प्रशासन भी बच्चों की सुविधा के लिए पानी कूलर, छांवदार स्थानों और क्लासरूम में एयर-कूलर जैसी सुविधाओं की व्यवस्था में जुट गया है। हालांकि, कई ग्रामीण क्षेत्रों में इन संसाधनों की कमी एक बड़ी चुनौती के रूप में सामने आ रही है।