Train Ticket Fine Rules: बिना टिकट पकड़े गए तो क्या होगी सजा? जानिए जुर्माना और रेलवे का पूरा नियम

भारतीय रेलवे में बिना टिकट यात्रा करना कानूनन अपराध है, जिसमें कम से कम ₹250 का जुर्माना और यात्रा किराया वसूला जाता है। बार-बार या जानबूझकर अपराध करने पर 3 महीने तक की जेल हो सकती है। टीटीई के पास सीमित अधिकार होते हैं और किसी भी यात्री को उसके अधिकारों की जानकारी होनी चाहिए। इस लेख में जुर्माना, प्रक्रिया, अपवाद और शिकायतों से जुड़े सभी पहलुओं को विस्तार से समझाया गया है।

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Train Ticket Fine Rules: बिना टिकट पकड़े गए तो क्या होगी सजा? जानिए जुर्माना और रेलवे का पूरा नियम
Train Ticket Fine Rules

ट्रेन में बिना टिकट यात्रा करना भारतीय रेलवे अधिनियम 1989 के तहत एक दंडनीय अपराध है। चाहे यह गलती से हो, जल्दीबाज़ी में टिकट छूट गया हो या किसी इमरजेंसी में यात्रा की गई हो—अगर आपको टीटीई (Train Ticket Examiner) ने बिना टिकट पकड़ लिया, तो आपके ऊपर जुर्माना और कानूनी कार्रवाई की संभावनाएं बन जाती हैं।

बिना टिकट यात्रा पर रेलवे अधिनियम क्या कहता है

भारतीय रेलवे अधिनियम 1989 के अंतर्गत बिना टिकट यात्रा करना न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि इससे रेलवे की वित्तीय और सुरक्षा व्यवस्था पर भी प्रभाव पड़ता है। यह अधिनियम TTE को यह अधिकार देता है कि वह बिना टिकट यात्रियों की जांच करे और उनसे तुरंत जुर्माना वसूल सके। यदि यात्री नियमों का पालन नहीं करता या जुर्माना देने से मना करता है, तो उसे RPF (Railway Protection Force) या GRP (Government Railway Police) को सौंपा जा सकता है।

जुर्माने की प्रक्रिया और राशि

जब कोई यात्री बिना टिकट पकड़ा जाता है, तो टीटीई सबसे पहले उस रूट का सामान्य किराया तय करता है और फिर उस पर न्यूनतम ₹250 का जुर्माना जोड़ता है। जैसे-जैसे दूरी और क्लास बढ़ती है, जुर्माना भी उसी अनुपात में बढ़ता है। उदाहरण के लिए, यदि कोई व्यक्ति लंबी दूरी के एसी कोच में यात्रा कर रहा है, तो उसे हजारों रुपये का भुगतान करना पड़ सकता है।

क्या जुर्माना न भरने पर गिरफ्तार किया जा सकता है?

यदि कोई यात्री जुर्माना देने से इनकार करता है या टीटीई से अभद्रता करता है, तो उसे रेलवे पुलिस के हवाले किया जा सकता है। वहां मामला दर्ज होगा और उसे अदालत में पेश किया जाएगा।

कब हो सकती है जेल?

भारतीय रेलवे अधिनियम की धारा 138 के तहत, बार-बार या जानबूझकर बिना टिकट यात्रा करने पर अधिकतम तीन महीने की जेल की सजा दी जा सकती है। यह सजा तब लागू होती है जब यात्री नियमों की अनदेखी करता है या धोखे से यात्रा करता है।

क्या TTE अतिरिक्त वसूली कर सकता है?

नहीं। टीटीई को सिर्फ वही राशि वसूलने का अधिकार है, जो अधिनियम में निर्धारित है। हर जुर्माना लेने पर उसे रसीद देना अनिवार्य है। यदि वह अतिरिक्त राशि मांगता है, तो यह गैरकानूनी है और इसकी शिकायत रेलवे हेल्पलाइन 139 पर की जा सकती है।

बच्चों, छात्रों और बुजुर्गों के लिए क्या नियम अलग हैं?

इन सभी यात्रियों को भी टिकट साथ रखना अनिवार्य है। यदि इनके पास वैध टिकट या छूट के प्रमाणपत्र नहीं हैं, तो उन्हें भी सामान्य यात्रियों की तरह ही जुर्माना भरना होगा।

क्या टीटीई तत्काल टिकट बना सकता है?

कुछ खास परिस्थितियों में, यदि यात्री के पास पैसे हों, तो टीटीई ऑन-द-स्पॉट टिकट बना सकता है, लेकिन उसके साथ जुर्माना जरूर लिया जाएगा। यह सुविधा सिर्फ चयनित ट्रेनों और रूट्स में ही उपलब्ध होती है और टीटीई के विवेकाधिकार पर निर्भर करती है।

क्या यात्री शिकायत दर्ज कर सकता है?

बिल्कुल। अगर आपको लगता है कि टीटीई ने अनुचित व्यवहार किया है या अवैध रूप से पैसा वसूला है, तो आप रेलवे हेल्पलाइन 139, सोशल मीडिया हैंडल्स या स्टेशन मास्टर के माध्यम से शिकायत दर्ज कर सकते हैं। आपकी शिकायत की जांच की जाएगी और यदि टीटीई दोषी पाया जाता है, तो उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी हो सकती है।

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