
UP Farmers News के अनुसार, उत्तर प्रदेश में गेहूं की कटाई का काम पूर्ण रूप से समाप्त हो चुका है, और अब किसानों के सामने सबसे बड़ी चुनौती है—अपने मेहनत के फसल गेहूं को लंबे समय तक सुरक्षित कैसे रखा जाए। उत्तर प्रदेश कृषि विभाग के डायरेक्टर डॉ जितेंद्र कुमार तोमर ने इस विषय पर विस्तार से जानकारी दी, जिसमें उन्होंने अनाज के स्टोरेज से जुड़ी कुछ अहम और उपयोगी टिप्स साझा कीं। यह जानकारी न केवल किसानों के लिए व्यावहारिक है बल्कि लंबे समय तक गेहूं की गुणवत्ता और सुरक्षा सुनिश्चित करती है।
अनाज को स्टोर करने से पहले करें पूरी तरह सूखा
डॉ तोमर का पहला और सबसे जरूरी सुझाव यही है कि किसी भी अनाज को स्टोर करने से पहले पूरी तरह सूखा लेना चाहिए। उन्होंने विशेष रूप से यह बताया कि नमी युक्त अनाज स्टोर करना खतरनाक हो सकता है क्योंकि इससे फफूंद और कीड़े लगने की संभावना बढ़ जाती है। गेहूं को स्टोर करने वाली जगह भी सूखी और हवादार होनी चाहिए, ताकि अनाज में किसी प्रकार की नमी न रहे।
स्टोरेज के लिए साफ ड्रम और टीन के डिब्बे अपनाएं
स्टोरेज के लिए किसान टीन के डिब्बे या बड़े साफ ड्रम का प्रयोग करें। डॉ तोमर ने सलाह दी है कि अगर सल्फोस (Salphos) नाम की गोली को गेहूं के साथ सील कर दिया जाए, तो इसमें बनने वाली गैस से कीड़े नहीं लगते और गेहूं कई सालों तक सुरक्षित रहता है। यह तकनीक घरेलू और गोदाम दोनों ही प्रकार के स्टोरेज के लिए कारगर है।
बोरियों का सही चयन और प्रयोग बेहद जरूरी
गेहूं को स्टोर करने के लिए बोरियों का इस्तेमाल आम है, लेकिन डॉ तोमर के अनुसार हर बार नई बोरियों का उपयोग करना अधिक उचित है। यदि पुरानी बोरियां ही उपलब्ध हैं, तो उन्हें अच्छी तरह से पलटकर धूप में सुखाना चाहिए और 5% नीम घोल में डालकर सुखा लेना चाहिए। इससे फंगस और कीट संक्रमण से बचाव होता है। साथ ही बोरियों को खाने-पीने के सामान से दूर रखना चाहिए ताकि अनाज दूषित न हो।
स्टोरेज की जगह का सही चुनाव बचा सकता है भारी नुकसान से
गेहूं की बोरियों को ऐसी जगह स्टोर करें जो जमीन से कम से कम 2 फुट ऊँचाई पर हो। यह जरूरी है क्योंकि बारिश या नमी के चलते नीचे से पानी भर सकता है, जिससे अनाज खराब होने का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा बोरियों को कभी भी दीवार से सटाकर न रखें, ताकि उनमें हवा का संचार बना रहे।
नीम और हींग से करें प्राकृतिक संरक्षण
डॉ तोमर ने घरेलू उपायों की भी बात की जो ग्रामीण इलाकों में आज भी बेहद प्रभावी माने जाते हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि नीम की सूखी पत्तियों को गेहूं में मिलाकर ड्रम में रखें। इससे फफूंद का असर नहीं होता और अनाज अधिक समय तक सुरक्षित रहता है। वहीं हींग (Asafoetida) को गेहूं के बीच में रखने से भी कीड़े लगने की संभावना खत्म हो जाती है। ये तरीके खासतौर पर उन किसानों के लिए मददगार हैं जो कम लागत में ज्यादा सुरक्षा चाहते हैं।