Bihar School Holidays 2025: बिहार में गर्मी की छुट्टियों का ऐलान, जानें स्कूल बंद होने की तारीख

बिहार में 2025 की गर्मी की छुट्टियां 2 जून से 21 जून तक घोषित की गई हैं, जिसमें बकरीद और कबीर जयंती जैसे त्योहार शामिल हैं। इस दौरान छात्रों को कुल 20 दिन का अवकाश मिलेगा। शिक्षा विभाग ने इस सूची में शैक्षणिक गतिविधियों को भी महत्व दिया है। यह अवकाश योजना छात्रों के स्वास्थ्य, पढ़ाई और संस्कृति के बीच संतुलन बनाने की एक सुनियोजित पहल है।

Published On:
Bihar School Holidays 2025: बिहार में गर्मी की छुट्टियों का ऐलान, जानें स्कूल बंद होने की तारीख
Bihar School Holidays 2025

Bihar School Holiday 2025 को लेकर बिहार शिक्षा विभाग ने जो अधिसूचना जारी की है, वह छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों के लिए काफी उपयोगी सिद्ध हो रही है। आगामी वर्ष 2025 में सरकारी स्कूलों की गर्मी की छुट्टियां 2 जून से 21 जून 2025 तक निर्धारित की गई हैं। इस दौरान छात्रों को कुल 20 दिन का अवकाश मिलेगा। इस अवकाश काल में न केवल शारीरिक और मानसिक विश्राम मिलेगा, बल्कि बकरीद-Eid-ul-Adha और कबीर जयंती-Kabir Jayanti जैसे महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक त्योहारों का आनंद भी लिया जा सकेगा।

गर्मी की भीषणता के बीच छुट्टी का सटीक प्रबंधन

हाल के वर्षों में बिहार में गर्मी ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। गया शहर में तापमान 44.6 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है, जो पिछले 15 वर्षों में सबसे अधिक है। ऐसी स्थिति में छात्रों की सेहत और सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए शिक्षा विभाग ने गर्मी की छुट्टियों की घोषणा समय से पहले कर दी है। इससे अभिभावकों को योजनाबद्ध ढंग से आगे की गतिविधियों की तैयारी करने में सुविधा हुई है।

72 छुट्टियों का सालाना कैलेंडर

बिहार शिक्षा विभाग ने वर्ष 2025 के लिए कुल 72 अवकाश घोषित किए हैं, जो सभी सरकारी, सहायता प्राप्त, परियोजना आधारित, उत्क्रमित प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों पर लागू होंगे। इस सूची में गर्मी की छुट्टियां भी शामिल हैं, जो छात्रों को चिलचिलाती गर्मी में राहत प्रदान करने के उद्देश्य से दी जाती हैं। इस पहल का मकसद शिक्षा और स्वास्थ्य दोनों का संतुलन बनाए रखना है।

त्योहारों का समावेश: बकरीद और कबीर जयंती

2 जून से शुरू होने वाली छुट्टियों के दौरान ईद-उल-अधा (बकरीद) और कबीर जयंती जैसे पर्व भी मनाए जाएंगे। बकरीद, इस्लाम धर्म का एक प्रमुख पर्व है जिसमें त्याग और बलिदान की भावना को महत्व दिया जाता है। वहीं, कबीर जयंती संत कबीर की शिक्षाओं का स्मरण कर सामाजिक समरसता और मानवीय मूल्यों को बढ़ावा देने का अवसर प्रदान करती है। इन दोनों अवसरों का छुट्टियों के साथ समावेश बच्चों के समग्र विकास के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है।

शैक्षणिक सततता बनाए रखने की तैयारी

छुट्टियों के दौरान केवल आराम को ही केंद्र में नहीं रखा गया है, बल्कि विद्यार्थियों की शैक्षणिक गतिविधियों को भी जीवित रखने के लिए योजनाएं बनाई गई हैं। शिक्षकों द्वारा अवकाश से पहले विद्यार्थियों को होमवर्क, प्रोजेक्ट व असाइनमेंट दिए जाएंगे, जिनका मूल्यांकन स्कूल खुलने के बाद किया जाएगा। इस प्रक्रिया से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि छात्र पढ़ाई से पूरी तरह कट न जाएं।

धार्मिक पर्वों की तिथियों में बदलाव की संभावना

मुस्लिम त्योहारों जैसे ईद-उल-फितर और ईद-उल-अधा की तिथियां चाँद दिखने पर आधारित होती हैं। ऐसे में वर्ष 2025 की अवकाश सूची में संभावित बदलावों की गुंजाइश बनी रहेगी। शिक्षा विभाग समय-समय पर इन परिवर्तनों को लेकर स्कूलों को दिशा-निर्देश जारी करता रहेगा, जिससे अवकाशों का पालन प्रभावी रूप से हो सके।

अभिभावकों के लिए पूर्व सूचना बनी सहायक

समय पर अवकाश की घोषणा होने से अभिभावक बच्चों की गतिविधियों, यात्राओं और स्वास्थ्य प्रबंधन के लिए पहले से योजना बना पा रहे हैं। वहीं विद्यार्थी भी मानसिक रूप से जान लेते हैं कि उन्हें कब पढ़ाई से ब्रेक मिलेगा। यह समय पर दी गई सूचना न केवल एक प्रशासनिक कदम है बल्कि एक संवेदनशील निर्णय भी है।

पढ़ाई और पर्वों में संतुलन की मिसाल

इस बार बिहार में गर्मी की छुट्टियों की योजना को एक संतुलित दृष्टिकोण के रूप में देखा जा रहा है। छुट्टियों के दौरान छात्रों को जहां आवश्यक आराम मिलेगा, वहीं त्योहारों के माध्यम से उनका सांस्कृतिक जुड़ाव भी मजबूत होगा। यह प्रयास दर्शाता है कि शिक्षा विभाग केवल अकादमिक दृष्टिकोण से नहीं, बल्कि समग्र विकास के नजरिए से काम कर रहा है।

Follow Us On

Leave a Comment