
पंजाब सरकार ने 29 अप्रैल 2025 को पूरे राज्य में गजटेड सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है। यह अवकाश भगवान परशुराम जयंती के पावन अवसर पर घोषित किया गया है। राज्य के सभी सरकारी दफ्तर, बोर्ड, निगम, शिक्षा संस्थान और अधीनस्थ कार्यालय इस दिन बंद रहेंगे। अप्रैल महीने में पहले से ही कई गजटेड छुट्टियां हो चुकी हैं और अब भगवान परशुराम जयंती की छुट्टी भी इस सूची में शामिल हो गई है, जिससे यह महीना और भी खास बन गया है।
भगवान परशुराम जयंती का धार्मिक महत्व
भगवान परशुराम हिंदू धर्म में गहरी आस्था और श्रद्धा के केंद्र हैं। उन्हें भगवान विष्णु के छठे अवतार के रूप में पूजा जाता है। परशुराम धर्म, वीरता, तपस्या और न्याय के प्रतीक माने जाते हैं। वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को उनका जन्म हुआ था, जिसे ‘परशुराम जयंती’ के रूप में भव्यता से मनाया जाता है। इस दिन विभिन्न मंदिरों में विशेष पूजा, हवन और भजन-कीर्तन के आयोजन होते हैं। कई स्थानों पर शोभायात्राएं भी निकाली जाती हैं और भंडारे आयोजित किए जाते हैं, जिनमें श्रद्धालु बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं।
अप्रैल 2025 में गजटेड छुट्टियों की भरमार
पंजाब में अप्रैल 2025 का महीना छुट्टियों के लिहाज से बेहद समृद्ध रहा है। इस माह पहले ही छह प्रमुख गजटेड अवकाश हो चुके हैं, जिनमें 6 अप्रैल को राम नवमी, 8 अप्रैल को श्री गुरु नाभा दास जी का जन्मदिन, 10 अप्रैल को महावीर जयंती, 13 अप्रैल को बैसाखी, 14 अप्रैल को डॉ. भीमराव अंबेडकर जयंती और 18 अप्रैल को गुड फ्राइडे शामिल हैं। अब 29 अप्रैल को भगवान परशुराम जयंती का अवकाश जुड़ने से अप्रैल माह में कुल सात गजटेड छुट्टियां हो चुकी हैं, जिसने लोगों को राहत के साथ-साथ धार्मिक आयोजनों में भागीदारी का सुनहरा अवसर भी दिया है।
बैंक, स्कूल और कॉलेज भी रहेंगे बंद
राज्य सरकार के निर्देशानुसार 29 अप्रैल को सरकारी के साथ-साथ कई निजी स्कूल, कॉलेज और बैंक शाखाएं भी बंद रहेंगी। हालांकि निजी क्षेत्र की कंपनियों में छुट्टी का निर्णय उनकी आंतरिक नीतियों पर निर्भर करेगा। शिक्षा विभाग, बैंकिंग सेक्टर और राज्य सेवा आयोग जैसे महत्वपूर्ण सरकारी संस्थानों में भी इस दिन सभी प्रकार की सेवाएं स्थगित रहेंगी। यदि किसी परीक्षा का आयोजन पहले से निर्धारित है, तो उसके लिए अलग से दिशा-निर्देश जारी किए जा सकते हैं।
लंबे वीकेंड की योजना का सुनहरा अवसर
29 अप्रैल मंगलवार को अवकाश मिलने के कारण यदि कोई कर्मचारी सोमवार को अवकाश लेता है, तो उसे चार दिनों का लंबा वीकेंड मिल सकता है। यह अवसर खासकर उन लोगों के लिए स्वर्णिम है जो परिवार संग यात्रा या तीर्थयात्रा की योजना बना रहे हैं। गर्मियों का मौसम शुरू हो जाने के कारण लोग धर्मशाला, डलहौजी, शिमला, मसूरी जैसे पहाड़ी स्थलों की ओर रुख कर सकते हैं। साथ ही राज्य के धार्मिक स्थलों जैसे अमृतसर, मुक्तसर साहिब, आनंदपुर साहिब और पटियाला में भी श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ने की संभावना है।
धार्मिक संगठनों ने किया फैसले का स्वागत
पंजाब सरकार के इस निर्णय का विभिन्न धार्मिक संगठनों और ब्राह्मण समाज ने खुले दिल से स्वागत किया है। उनका मानना है कि यह निर्णय न केवल भगवान परशुराम के सम्मान को बढ़ाता है, बल्कि समाज की सांस्कृतिक धरोहर की रक्षा का भी प्रतीक है। संगठनों ने नागरिकों से अपील की है कि वे अधिक से अधिक संख्या में धार्मिक आयोजनों में भाग लें और भगवान परशुराम के आदर्शों को अपने जीवन में आत्मसात करें।
प्रशासन की तैयारियां पूर्ण
राज्य सरकार और जिला प्रशासन ने परशुराम जयंती के धार्मिक आयोजनों को ध्यान में रखते हुए व्यापक तैयारियां की हैं। सुरक्षा व्यवस्था, यातायात नियंत्रण और सफाई के विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं। अमृतसर, पटियाला, लुधियाना, होशियारपुर और जालंधर जैसे प्रमुख शहरों में बड़े स्तर पर शोभायात्राओं और भजन-कीर्तन कार्यक्रमों का आयोजन प्रस्तावित है। पुलिस विभाग ने यातायात और भीड़ प्रबंधन के लिए विशेष टीमें तैनात करने का निर्णय लिया है ताकि आयोजन शांतिपूर्ण और व्यवस्थित तरीके से संपन्न हो।