
इलेक्ट्रिक व्हीकल सेगमेंट (Electric Vehicle Segment) में आज पूरी दुनिया एक नई क्रांति देख रही है, और इस क्रांति का सबसे बड़ा खिलाड़ी बनकर उभरा है चीन (China)। जहां एक ओर वैश्विक स्तर पर ऑटोमोबाइल कंपनियां पेट्रोल-डीजल से हटकर रिन्यूएबल एनर्जी (Renewable Energy) की ओर शिफ्ट कर रही हैं, वहीं चीन की कंपनियां पहले से ही इस दौड़ में काफी आगे निकल चुकी हैं। खासकर बैटरी टेक्नोलॉजी और इलेक्ट्रिक फोर व्हीलर प्रोडक्शन में चीन का दबदबा साफ नजर आता है।
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इलेक्ट्रिक वाहन दुनिया का भविष्य हैं और इसमें कोई संदेह नहीं कि चीन इस भविष्य को आकार देने में सबसे आगे है। नई बैटरी टेक्नोलॉजी, लंबी दूरी की क्षमता और तेज़ चार्जिंग स्पीड ने इस सेगमेंट को नई दिशा दी है। अगर भारत भी इस दिशा में निवेश बढ़ाए, तो वह भी वैश्विक EV रेस में एक मज़बूत दावेदार बन सकता है।
BYD बनी चीन की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक कार निर्माता कंपनी
चीन की ऑटो कंपनी BYD मौजूदा समय में देश की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक फोर-व्हीलर (Electric Four-Wheeler) निर्माता कंपनी बन चुकी है। BYD न सिर्फ घरेलू बाजार में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपने पांव जमा रही है। इसकी कारें भारत, यूरोप और अमेरिका जैसे बड़े बाजारों में तेज़ी से लोकप्रिय हो रही हैं। कंपनी की सफलता का बड़ा कारण उसकी उन्नत बैटरी टेक्नोलॉजी और तेज़ चार्जिंग क्षमता है।
बैटरी टेक्नोलॉजी में चीन की पकड़ बेहद मजबूत
चीन की कई कंपनियां आज दुनिया की सबसे बड़ी बैटरी मैन्युफैक्चरर हैं। CATL (Contemporary Amperex Technology Co. Limited) जैसी कंपनियां न केवल चीन के लिए बल्कि वैश्विक EV कंपनियों को भी बैटरियां सप्लाई कर रही हैं। ये बैटरियां हाई पावर डेंसिटी और तेज चार्जिंग क्षमता से लैस हैं, जो इलेक्ट्रिक कारों की परफॉर्मेंस को नई ऊंचाई देती हैं।
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अब खत्म होने वाला है पेट्रोल-डीजल का युग?
हाल ही में सामने आई एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि एक नई बैटरी टेक्नोलॉजी की मदद से कारें एक बार की चार्जिंग में 1500 किलोमीटर तक का सफर तय कर सकेंगी। यही नहीं, सिर्फ 5 मिनट की चार्जिंग में 500 किलोमीटर की दूरी तय करने की क्षमता भी हासिल की जा सकती है। इस टेक्नोलॉजी का पूरी तरह से कमर्शियल उपयोग शुरू होते ही पेट्रोल-डीजल वाहनों की उपयोगिता काफी हद तक कम हो जाएगी।
भारत में भी बढ़ रहा है इलेक्ट्रिक वाहनों का चलन
भारत में भी इलेक्ट्रिक वाहन (EVs) तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं। कई कंपनियां इस सेगमेंट में अपने नए मॉडल्स लॉन्च कर चुकी हैं। जिनमें Toyota bZ4X, MG eHS, Citroen eC3, Mahindra eKUV100, Volkswagen ID.7 और Volvo EX40 जैसे नाम शामिल हैं। हालांकि फिलहाल कुछ मॉडल्स की उपलब्धता सीमित है, लेकिन कंपनियां धीरे-धीरे इन्हें व्यापक स्तर पर लॉन्च करने की तैयारी में हैं।
बैटरी वारंटी बढ़ा रही कंपनियों का भरोसा
कई कंपनियों ने अपने कस्टमर्स को आकर्षित करने के लिए बैटरी पर लंबी वारंटी देना शुरू कर दिया है। अब कई ब्रांड्स 8 साल तक की बैटरी वारंटी दे रहे हैं, जो यूज़र्स को लंबे समय तक टेंशन-फ्री ड्राइविंग का अनुभव देती है। इससे ग्राहक इलेक्ट्रिक कारों की ओर तेजी से आकर्षित हो रहे हैं।
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भविष्य का ट्रेंड: फास्ट चार्जिंग और लॉन्ग रेंज
EV मार्केट का भविष्य फास्ट चार्जिंग और लॉन्ग रेंज पर टिका है। जिन कारों में 5 मिनट की चार्जिंग में 500Km का माइलेज मिल रहा है, वे निश्चित रूप से मार्केट में गेमचेंजर साबित हो सकती हैं। इस टेक्नोलॉजी के चलते चार्जिंग स्टेशनों की समस्या भी काफी हद तक हल हो जाएगी और लोग लंबी दूरी की यात्राएं भी इलेक्ट्रिक वाहनों से करने में सहज महसूस करेंगे।
भारत को चीन से क्या सीखना चाहिए?
भारत को चीन की तरह EV मैन्युफैक्चरिंग और बैटरी टेक्नोलॉजी पर विशेष ध्यान देना होगा। अभी भी भारत EV इंफ्रास्ट्रक्चर के मामले में काफी पीछे है। पब्लिक चार्जिंग स्टेशन, रिचार्जिंग टाइम और बैटरी की कीमत जैसे कई मुद्दे अभी भी EV सेगमेंट के सामने बड़ी चुनौती बने हुए हैं। ऐसे में सरकार और प्राइवेट सेक्टर को मिलकर काम करना होगा।