सावधान: ये ड्रेस पहनना अब अपराध! खरीदने-बेचने पर जा सकते हैं जेल

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले ने पूरे देश को हिला दिया। सेना की वर्दी पहनकर हमला करने वाले आतंकियों ने सुरक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। क्या आम लोग भी पहन सकते हैं फौज जैसी ड्रेस? मोदी सरकार ने क्यों बदला आर्मी का ड्रेस कोड? जानें पूरी इनसाइड स्टोरी

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सावधान: ये ड्रेस पहनना अब अपराध! खरीदने-बेचने पर जा सकते हैं जेल
सावधान: ये ड्रेस पहनना अब अपराध! खरीदने-बेचने पर जा सकते हैं जेल

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले ने एक बार फिर से सुरक्षा व्यवस्थाओं और सेना की वर्दी (Army Uniform) की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस हमले में 26 पर्यटकों की निर्मम हत्या कर दी गई। चौंकाने वाली बात यह रही कि हमलावरों ने सेना और पुलिस की वर्दी पहनी हुई थी, जिससे पर्यटकों को धोखा हुआ और वे हमलावरों की मंशा को भांप नहीं सके।

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सेना की वर्दी पहनकर हमले की साजिश

आतंकियों ने जिस तरह से आर्मी ड्रेस (Army Dress) का इस्तेमाल किया, उससे यह साफ हो गया है कि देश विरोधी ताकतें अब हमारी वर्दी का इस्तेमाल भी साजिशों के लिए कर रही हैं। सेना और पुलिस की वर्दी आम नागरिकों को न मिले, इसके लिए सरकार की ओर से सख्त नियम बनाए गए हैं। फिर भी इस तरह की घटनाएं यह संकेत देती हैं कि कहीं न कहीं अभी भी सुरक्षा में चूक हो रही है।

अब आम नागरिक नहीं खरीद सकते Army की ड्रेस

2022 में मोदी सरकार ने सेना की वर्दी को लेकर बड़ा बदलाव किया। अब सेना की ड्रेस का कपड़ा आम बाजार में नहीं बेचा जा सकता। Army Uniform Pattern अब पूरी तरह गोपनीय रखा गया है और इसकी बिक्री केवल आर्मी स्टोर्स (Army Canteens) तक ही सीमित है।

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कैंट एरिया के दुकानदारों के अनुसार, पहले सेना की वर्दी का कपड़ा अधिकृत दुकानों पर उपलब्ध होता था, लेकिन अब सिर्फ आर्मी कार्ड (Army ID Card) दिखाने पर ही जवानों को वर्दी मिलती है। दुकानदारों के पास अब ऐसा कोई माल नहीं है जो सेना के पैटर्न से मेल खाता हो।

नया ड्रेस कोड: सेना ने बदला पूरा ढांचा

2022 में लागू हुए नए ड्रेस कोड में कैमोफ्लाज पैटर्न और कपड़े की गुणवत्ता में बड़ा बदलाव किया गया है। अब जो वर्दी बाजार में दिखती है, वह सिर्फ सामान्य कपड़े हैं, जिनका सेना से कोई संबंध नहीं है। दुकानदारों ने बताया कि पहले बेल्ट मोटी होती थी, अब नई वर्दी में पतली बेल्ट दी जा रही है। शर्ट पहले इन कर के पहनी जाती थी, अब बाहर पहनने का चलन हो गया है।

टेलर्स और दुकानदारों को समय-समय पर हिदायत

सेना की डुप्लीकेसी रोकने के लिए सेना की टीमें समय-समय पर बाजारों, विशेषकर सदर बाजार और तोपखाना, में जाकर दुकानदारों और टेलर्स को निर्देश देती हैं कि सेना के ड्रेस पैटर्न से मिलता-जुलता कोई भी कपड़ा बेचना या सिलना पूरी तरह अपराध है।

क्या कहता है कानून?

कानून के अनुसार, कोई भी आम नागरिक अगर सेना, नेवी या एयरफोर्स जैसी वर्दी (Military Uniform) पहनता है या उसके जैसी दिखने वाली यूनिफॉर्म पहनता है, तो उस पर आईपीसी की धारा 140 और 171 (IPC Section 140 & 171) के तहत कार्रवाई हो सकती है। इसमें 500 रुपये तक का जुर्माना और तीन महीने तक की जेल की सजा हो सकती है।

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हाल के वर्षों में फौज जैसी ड्रेस को फैशन ट्रेंड के रूप में अपनाया जाने लगा है, लेकिन सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि ऐसी वर्दी पहनना भी सुरक्षा और कानून व्यवस्था के लिए खतरनाक हो सकता है।

पीआरओ का बयान: ड्रेस सिर्फ कैंटीन से

मध्य कमान के जनसंपर्क अधिकारी शांतनु प्रताप सिंह के मुताबिक, पहले अधिकृत दुकानों को ड्रेस बेचने की अनुमति थी, लेकिन अब ऐसी किसी भी दुकान को यह अनुमति नहीं है। सेना के जवान को वर्दी की सिलाई या खरीदारी के लिए अपना आईडी कार्ड दिखाना होता है और पूरी प्रक्रिया रजिस्टर में दर्ज की जाती है।

अब आर्मी के नए पैटर्न का कपड़ा सिर्फ सेना के स्टोर्स में ही मिलता है, जिससे उसकी डुप्लीकेसी और दुरुपयोग रोका जा सके।

आतंकी अब भी कपड़े पा सकते हैं

हालांकि यह भी स्वीकार करना होगा कि आतंकी संगठन ऐसे कपड़े पाकिस्तान या अवैध तरीकों से तैयार कर सकते हैं। जैसे नकली नोट तैयार किए जा सकते हैं, वैसे ही नकली आर्मी कपड़े भी बन सकते हैं। इसीलिए सुरक्षा एजेंसियों को सतर्कता बनाए रखनी होगी।

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