
दांतों में कैविटी-Tooth Cavity, जिसे आम बोलचाल की भाषा में दांतों के कीड़े कहा जाता है, आजकल हर उम्र के लोगों में देखने को मिल रही एक आम समस्या है। यह दांतों में छोटे-छोटे काले गड्ढों के रूप में शुरू होती है, जो धीरे-धीरे सड़न की वजह से दांत को खोखला कर देती है। कैविटी का मुख्य कारण मुंह में मौजूद बैक्टीरिया होते हैं, जो चीनी और रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट को एसिड में बदलकर दांतों की इनेमल पर हमला करते हैं। इससे दांतों में दर्द, बदबू और यहां तक कि संक्रमण भी हो सकता है।
इस परेशानी से छुटकारा पाने के लिए जहां दवाओं का सहारा लिया जाता है, वहीं भारतीय घरों में सदियों से अपनाए जा रहे कुछ घरेलू उपाय भी काफी कारगर माने जाते हैं। उन्हीं में से एक है लहसुन-Garlic, जो ना सिर्फ दांतों के दर्द को कम करता है, बल्कि कैविटी को फैलने से भी रोक सकता है।
लहसुन: दांतों की सड़न से लड़ने वाला प्राकृतिक योद्धा
लहसुन भारतीय रसोई का एक अहम हिस्सा है, लेकिन यह केवल स्वाद बढ़ाने तक सीमित नहीं है। लहसुन में पाए जाने वाले एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण इसे प्राकृतिक औषधि बनाते हैं। इसमें एलिसिन नामक यौगिक होता है, जो बैक्टीरिया को खत्म करने में सक्षम होता है। दांतों में होने वाली सड़न के पीछे जो बैक्टीरिया जिम्मेदार होते हैं, लहसुन उन्हें खत्म कर सकता है।
अगर आप दांतों के कीड़ों से पीड़ित हैं, तो लहसुन का सही तरीके से उपयोग करके आप इस समस्या से निजात पा सकते हैं।
दांतों के कीड़ों के इलाज में लहसुन का उपयोग कैसे करें
दांतों के कीड़ों से राहत पाने के लिए लहसुन को अलग-अलग तरीकों से उपयोग किया जा सकता है: सबसे पहले, एक या दो लहसुन की कलियों को अच्छे से कूट लें और इसे सीधे उस दांत पर लगाएं जहां कैविटी है। इसे कुछ मिनटों तक लगे रहने दें, जिससे इसका असर गहराई तक हो सके। इससे दर्द और सूजन दोनों में राहत मिलती है।
दूसरा तरीका है लहसुन के तेल का प्रयोग करना। बाजार में उपलब्ध शुद्ध लहसुन के तेल की कुछ बूंदें कैविटी वाले हिस्से पर लगाएं। लहसुन का तेल सीधे बैक्टीरिया पर काम करता है और दर्द में तुरंत आराम देता है।
तीसरा उपाय है लहसुन के पानी से कुल्ला करना। इसके लिए लहसुन की कुछ कलियों को गर्म पानी में उबालें और उस पानी से दिन में दो बार कुल्ला करें। यह मुंह में मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया को समाप्त करता है और दांतों को मजबूत बनाता है।