
महंगाई भत्ता या Dearness Allowance (DA) मर्जर को लेकर केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बीच इन दिनों चर्चा जोरों पर है। जनवरी 2025 में केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) की घोषणा की थी, जो 1 जनवरी 2026 से लागू होगा। इसी बीच यह सवाल फिर से चर्चा में है कि क्या सरकार DA को बेसिक सैलरी में मर्ज करने पर विचार कर रही है?
हाल ही में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने राज्यसभा में बताया कि फिलहाल DA को बेसिक पे में मर्ज करने का कोई प्रस्ताव सरकार के पास विचाराधीन नहीं है। यह जानकारी 18 मार्च 2025 को दिए गए एक लिखित उत्तर के ज़रिए सामने आई। हालांकि, यह साफ है कि जब भी नया वेतन आयोग लागू होता है, उस समय DA मर्जर की प्रक्रिया एक स्वाभाविक पहलू होती है, जिसे पूरी तरह नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता।
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8वें वेतन आयोग की भूमिका और DA मर्जर की संभावनाएं
8वें वेतन आयोग को लेकर सरकारी कर्मचारी बड़ी उम्मीदें लगाए बैठे हैं। पिछली बार जब 7वें वेतन आयोग आया था, तब भी महंगाई भत्ते को बेसिक सैलरी में मर्ज किया गया था और एक नया फिटमेंट फैक्टर लागू किया गया था। यही प्रक्रिया अब फिर दोहराई जा सकती है।
DA मर्ज करने का मतलब यह है कि कर्मचारियों की मूल वेतन संरचना पूरी तरह से बदल सकती है, जिससे उनकी सैलरी में अच्छा-खासा उछाल आएगा। विशेषज्ञों का मानना है कि जैसे-जैसे DA 50% से ऊपर जाता है, उसे बेसिक वेतन में समाहित करना एक तार्किक कदम बन जाता है। वर्तमान में DA 50% से ऊपर जा चुका है, जिससे मर्जर की संभावना और भी मजबूत होती दिख रही है।
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फिटमेंट फैक्टर और सैलरी में संभावित इजाफा
जब भी DA को बेसिक वेतन में मर्ज किया जाता है, तो नया फिटमेंट फैक्टर तय होता है, जो पूरे सैलरी स्ट्रक्चर को प्रभावित करता है। 7वें वेतन आयोग में यह फैक्टर 2.57 था। अब 8वें वेतन आयोग में इसके 2.6 से 2.85 के बीच होने की संभावना जताई जा रही है।
उदाहरण के लिए, यदि किसी कर्मचारी की वर्तमान बेसिक सैलरी ₹18,000 है और 55% DA को मर्ज किया जाता है, तो बेसिक वेतन ₹27,900 हो जाएगा। यदि इस पर 2.85 का फिटमेंट फैक्टर लागू किया जाए तो अंतिम वेतन ₹79,515 तक जा सकता है। इससे कर्मचारियों को सीधा लाभ होगा और पेंशनधारकों की पेंशन में भी उछाल आएगा।
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सरकार की स्थिति और कर्मचारी संगठनों की मांग
कई कर्मचारी यूनियनों और संगठनों ने लंबे समय से यह मांग की है कि जब भी DA 50% को पार करे, तो उसे तुरंत मर्ज किया जाए। नेशनल काउंसिल ऑफ जॉइंट कंसल्टेटिव मशीनरी (NC-JCM) ने भी इस पर अपनी चिंता जताई है और सरकार से इस पर पुनर्विचार की मांग की है।
हालांकि सरकार ने अभी तक कोई स्पष्ट घोषणा नहीं की है, लेकिन वेतन आयोग की प्रक्रिया में यह विषय अवश्य उठेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि 2026 से नया वेतन आयोग लागू होता है, तो उससे पहले या साथ में DA मर्जर की घोषणा भी संभव है।