
दिल्ली में विधवा पेंशन योजना (Widow Pension Scheme) के नाम पर लंबे समय से चल रहे फर्जीवाड़े पर अब सरकार ने सख्ती दिखानी शुरू कर दी है। महिला एवं बाल विकास विभाग (Women and Child Development Department) द्वारा किए गए हालिया सर्वे में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। विभाग ने लगभग 2.3 लाख महिलाओं के रिकॉर्ड की जांच की, जिसमें 25,000 महिलाएं ऐसी पाई गईं जो अपात्र होते हुए भी इस योजना का लाभ उठा रही थीं।
पेंशन योजना में 3.8 लाख महिलाओं को मिल रही थी मदद
दिल्ली सरकार द्वारा चलाई जा रही इस सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत विधवा, निराश्रित या पति द्वारा छोड़ी गई महिलाओं को आर्थिक सहायता दी जाती है। पहले इस योजना में लाभार्थियों को हर महीने ₹2500 की पेंशन दी जाती थी। हाल ही में सरकार ने बजट में इसे बढ़ाकर ₹3000 प्रति माह करने की घोषणा की है, हालांकि बढ़ी हुई राशि अभी लागू नहीं की गई है। वर्तमान में 3.8 लाख महिलाएं इस योजना से लाभान्वित हो रही थीं।
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नवंबर 2024 में शुरू हुआ घर-घर वैरिफिकेशन अभियान
सरकार को शिकायतें मिल रही थीं कि इस योजना में कई महिलाएं अपात्र होते हुए भी पेंशन ले रही हैं। इसके बाद नवंबर 2024 में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं (Anganwadi Workers) के माध्यम से घर-घर जाकर सत्यापन अभियान शुरू किया गया। इस वैरिफिकेशन प्रक्रिया में अब तक 2.28 लाख महिलाओं के दस्तावेज जांचे जा चुके हैं।
तलाक के बाद दोबारा विवाह करने वाली महिलाएं भी ले रही थीं पेंशन
सर्वे में चौंकाने वाली बात यह सामने आई कि कई महिलाएं तलाक के बाद दोबारा शादी कर चुकी थीं, लेकिन इसके बावजूद उनके बैंक खातों में हर महीने पेंशन की राशि जाती रही। वहीं कुछ महिलाएं अब अच्छी नौकरियों में कार्यरत हैं और वेतन प्राप्त कर रही हैं, फिर भी योजना से लाभ ले रही थीं। कुछ मामलों में तो महिलाएं उस पते पर पाई ही नहीं गईं जो सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज था।
सरकार ने रोकी फर्जी लाभार्थियों की पेंशन
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक जिन महिलाओं को अपात्र पाया गया है, उनकी पेंशन को तुरंत प्रभाव से रोक दिया गया है। वहीं जो महिलाएं सत्यापन में पात्र पाई गईं, उनके खातों में दोबारा से राशि भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। बाकी लाभार्थियों का सत्यापन कार्य भी तेजी से जारी है।
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सरकार का सालाना खर्च 1140 करोड़ रुपये
दिल्ली सरकार इस योजना पर हर साल लगभग ₹1140 करोड़ रुपये खर्च करती है। लेकिन सर्वे और औचक निरीक्षणों से सामने आया कि एक बड़ा हिस्सा गलत हाथों में जा रहा था। इस कारण वास्तविक जरूरतमंद महिलाएं इस योजना का पूरा लाभ नहीं ले पा रही थीं।
विधवा पेंशन योजना की शुरुआत और विस्तार
इस योजना की शुरुआत साल 2007-08 में हुई थी। उस समय केवल 6,288 महिलाओं को ₹600 प्रति माह की दर से पेंशन मिलती थी। धीरे-धीरे इसका दायरा और राशि दोनों बढ़ाए गए। योजना के तहत 18 से 59 वर्ष की उम्र की विधवा, तलाकशुदा या बेसहारा महिलाओं को मदद दी जाती है। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने 2025-26 के बजट में इस योजना की राशि में ₹500 की वृद्धि की घोषणा की थी।
पेंशन के लिए पात्रता शर्तें
विधवा पेंशन योजना का लाभ लेने के लिए कुछ जरूरी शर्तें तय की गई हैं:
- महिला कम से कम 5 वर्षों से दिल्ली की निवासी होनी चाहिए।
- परिवार की वार्षिक आय ₹1 लाख से अधिक नहीं होनी चाहिए।
- महिला ने दोबारा शादी नहीं की होनी चाहिए।
सरकार ने दी आवेदन और e-KYC कराने की सलाह
विभाग ने लाभार्थियों से यह भी आग्रह किया है कि वे अपने राशन कार्ड का e-KYC समय पर पूरा करें ताकि किसी प्रकार की तकनीकी समस्या से उनकी पेंशन प्रभावित न हो। साथ ही जिन महिलाओं का वैरिफिकेशन अभी तक नहीं हुआ है, उनसे अनुरोध किया गया है कि वे स्थानीय केंद्रों से संपर्क करें।