पराली जलाने किसानों को मई से नहीं मिलेगा सरकारी योजनाओं का फायदा

मध्य प्रदेश सरकार ने Stubble Burning पर सख्त कदम उठाते हुए नरवाई जलाने वाले किसानों को मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना और MSP उपार्जन से वंचित करने का निर्णय लिया है। साथ ही 85 लाख किसानों को सम्मान निधि और कल्याण योजना का लाभ मिल रहा है। राज्य में फसलों का डिजिटल सर्वे भी शुरू हो चुका है, जो खेती के क्षेत्र में नई क्रांति लाएगा।

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पराली जलाने किसानों को मई से नहीं मिलेगा सरकारी योजनाओं का फायदा
Stubble Burning

Stubble Burning यानी फसल कटाई के बाद खेतों में नरवाई जलाने की बढ़ती घटनाएं वायु प्रदूषण और पर्यावरण को गहरे स्तर पर नुकसान पहुँचा रही हैं। खेतों में आग लगाने से न केवल वायु प्रदूषण फैलता है, बल्कि जमीन में मौजूद महत्वपूर्ण पोषक तत्व भी नष्ट हो जाते हैं, जिससे भूमि की उर्वरक क्षमता घटती है। इस गंभीर समस्या से निपटने के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने एक बड़ा निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने स्पष्ट किया है कि जो किसान अपने खेत में नरवाई जलाएगा, उसे मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना (Mukhyamantri Kisan Kalyan Yojana) का लाभ नहीं मिलेगा।

1 मई से लागू होगा सरकार का फैसला

सरकार का यह कड़ा फैसला 1 मई से प्रभावी होगा। इसके तहत अगर कोई किसान नरवाई जलाता है, तो उसे अगले साल न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर अपनी फसल बेचने की अनुमति नहीं दी जाएगी। यह निर्णय पर्यावरण संरक्षण, मृदा स्वास्थ्य बचाने और भूमि की उत्पादकता बनाए रखने के लिए लिया गया है। राज्य सरकार का यह कदम किसानों को जिम्मेदारी से खेती करने और पर्यावरण के प्रति जागरूक बनाने की दिशा में अहम साबित होगा।

85 लाख किसानों को मिल रहा है सम्मान निधि और कल्याण योजना का लाभ

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan Samman Nidhi Yojana) के तहत राज्य सरकार ने फरवरी 2019 के बाद नए भू-धारकों को भी जोड़ने के लिए केंद्र सरकार से आग्रह किया है। इस योजना के अंतर्गत पात्र किसानों को हर साल 6 हजार रुपए सीधे उनके बैंक खातों में ट्रांसफर किए जाते हैं। मार्च 2025 तक 85 लाख से अधिक किसानों को 28 हजार 800 करोड़ रुपए की सहायता दी जा चुकी है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना (Mukhyamantri Kisan Kalyan Yojana) के तहत भी प्रदेश के किसानों को 6 हजार रुपए की अतिरिक्त सहायता प्रदान की जा रही है। इस योजना के शुरू होने से अब तक किसानों को 17 हजार 500 करोड़ रुपए का लाभ दिया जा चुका है।

फसलों का डिजिटल सर्वे

मध्य प्रदेश राजस्व विभाग ने 2024 से फसलों का डिजिटल सर्वे कार्य आरंभ किया है। इस कार्य में 60 हजार से अधिक ग्रामीण युवाओं को शामिल किया गया है, जो खेतों और फसलों का सर्वेक्षण कर रहे हैं। प्रदेश में कुल 190 तरह की फसलों की खेती की जा रही है, और इस डिजिटल सर्वे से न केवल किसानों को लाभ होगा, बल्कि फसल बीमा और सरकारी योजनाओं का फायदा भी सटीक रूप से मिल सकेगा।

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