
हरियाणा सरकार ने परिवार पहचान पत्र-Family ID की प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी एवं त्रुटिरहित बनाने के लिए एक अभिनव योजना की शुरुआत की है। इस योजना के तहत प्रदेश के सरकारी स्कूलों में 9वीं से 12वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को फैमिली आईडी में सुधार की प्रक्रिया सिखाई जाएगी। इस कार्य के लिए पहले से वितरित किए गए टैबलेट का प्रयोग किया जाएगा, जिससे विद्यार्थी डिजिटल माध्यम से सीधे पोर्टल पर कार्य कर सकें।
टैबलेट और प्रोजेक्टर से तकनीकी ज्ञान का विस्तार
सरकार ने पहले ही इन विद्यार्थियों को टैबलेट उपलब्ध करवा दिए हैं, जिनके माध्यम से उन्हें फैमिली आईडी में गलतियों को पहचानने और उन्हें सुधारने की प्रक्रिया सिखाई जाएगी। इस प्रशिक्षण को और अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए कक्षाओं में प्रोजेक्टर के माध्यम से व्याख्यान दिए जाएंगे। विद्यार्थियों को यह भी सिखाया जाएगा कि मृत व्यक्तियों के नाम को किस प्रकार हटाया जाए, या अन्य जानकारी कैसे अपडेट की जाए।
यह पहल केवल तकनीकी ज्ञान तक सीमित नहीं है, बल्कि छात्रों को सामाजिक रूप से सशक्त भी बनाती है। प्रशिक्षण के बाद ये छात्र अपने परिवार और आसपास के लोगों की फैमिली आईडी संबंधित समस्याओं को भी हल करने में सक्षम होंगे।
रेवाड़ी में सफल पायलट प्रोजेक्ट, अब पूरे प्रदेश में विस्तार
पायलट प्रोजेक्ट के तहत रेवाड़ी जिले के संगवाड़ी और खोल गांव के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में जागरूकता शिविर आयोजित किए गए। इन शिविरों में छात्रों और शिक्षकों ने सक्रिय रूप से भाग लिया और सकारात्मक परिणाम सामने आए। इन अनुभवों के आधार पर अब परिवार पहचान पत्र प्राधिकरण पूरे हरियाणा में ऐसे जागरूकता शिविर लगाने की योजना बना रहा है। इससे छात्रों में डिजिटल साक्षरता बढ़ेगी और सरकारी प्रक्रियाओं की समझ भी गहराई से विकसित होगी।
फैमिली आईडी के फायदे
फैमिली आईडी या परिवार पहचान पत्र न केवल सरकारी योजनाओं तक पहुंच को आसान बनाता है, बल्कि यह छात्रों की पात्रता को भी स्पष्ट करता है। विशेषकर छात्रवृत्तियों, शिक्षा ऋण और अन्य शैक्षणिक लाभों के लिए फैमिली आईडी एक अनिवार्य दस्तावेज बन गया है। इसके माध्यम से आय प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र और जन्म प्रमाण पत्र जैसी आवश्यक सेवाओं को प्राप्त करना सरल हो जाता है।
यह प्रक्रिया छात्रों के लिए नामांकन को भी सहज बनाती है, क्योंकि अब शैक्षणिक संस्थानों में दाखिला लेते समय उन्हें अलग-अलग दस्तावेजों के लिए बार-बार आवेदन नहीं करना पड़ता।