सरकारी मेडिकल कॉलेज चाहिए? जानें NEET में कितने नंबर लाने पर पक्का होगा MBBS एडमिशन

NEET-UG में MBBS के लिए सरकारी कॉलेज पाने हेतु सामान्य वर्ग को 650+ अंक लाने होते हैं। ओबीसी के लिए यह कटऑफ करीब 610 और SC/ST वर्ग के लिए 560 के आसपास होती है। परीक्षा के माध्यम से 766 कॉलेजों में दाखिला होता है, जिनमें 423 सरकारी हैं। सही रणनीति और जानकारी से सरकारी MBBS सीट पाना संभव है।

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सरकारी मेडिकल कॉलेज चाहिए? जानें NEET में कितने नंबर लाने पर पक्का होगा MBBS एडमिशन
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नीट-NEET परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों के मन में सबसे बड़ा सवाल यही होता है कि MBBS के लिए सरकारी मेडिकल कॉलेज में दाखिला पाने के लिए कितने नंबर लाने होंगे। हर साल लाखों छात्र इस परीक्षा में शामिल होते हैं, और सभी की प्राथमिकता यही होती है कि कम से कम फीस में बेहतरीन शिक्षा मिल सके — जो सरकारी मेडिकल कॉलेज से ही संभव है। नीट यूजी 2025 का आयोजन 4 मई को होने वाला है और अब परीक्षा बस कुछ ही दिनों की दूरी पर है।

NEET में कितने नंबर लाने पर मिलेगा सरकारी मेडिकल कॉलेज?

NEET-UG परीक्षा में सरकारी कॉलेज पाने के लिए कटऑफ हर साल थोड़ी बहुत बदलती रहती है, लेकिन पिछले वर्षों के ट्रेंड और सीटों की संख्या को ध्यान में रखते हुए कुछ सामान्य आँकड़े सामने आते हैं। सामान्य वर्ग (General Category) के लिए 650 या उससे अधिक अंक लाने की संभावना हो तो MBBS की सरकारी सीट मिलने की आशा मजबूत होती है। OBC वर्ग के छात्र अगर 610 अंक के आसपास स्कोर करते हैं, तो भी सरकारी कॉलेज में दाखिला मिलने की अच्छी संभावना बनती है। वहीं SC/ST वर्ग के लिए यह कटऑफ करीब 560 अंक के आसपास होता है।

NEET परीक्षा कुल 720 अंकों की होती है। यानी अगर आप चाहते हैं कि सरकारी कॉलेज में सीट मिले, तो कुल अंकों का लगभग 80-90% तक स्कोर करना जरूरी होता है, खासकर सामान्य वर्ग के लिए।

NEET के माध्यम से कितने मेडिकल कॉलेज में होता है दाखिला?

NEET-UG परीक्षा के माध्यम से पूरे देश के 766 मेडिकल कॉलेजों में अंडरग्रेजुएट कोर्सेज में दाखिला होता है। इनमें से 423 सरकारी कॉलेज और 343 प्राइवेट कॉलेज हैं। कुल मिलाकर, 1 लाख से अधिक MBBS सीटें उपलब्ध हैं, जिनमें से एक बड़ी संख्या सरकारी कॉलेजों की होती है।

किस राज्य में हैं सबसे ज्यादा MBBS सीटें?

कर्नाटक MBBS सीटों की संख्या के मामले में देश में पहले स्थान पर है। इसके बाद उत्तर प्रदेश का नाम आता है, जहां MBBS के लिए 12415 सीटें उपलब्ध हैं। इन राज्यों में सरकारी और निजी दोनों प्रकार के कॉलेजों की संख्या अधिक होने के कारण प्रतियोगिता भी अधिक होती है, लेकिन विकल्प भी ज्यादा होते हैं।

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