
इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return – ITR) फाइल करने की प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण अपडेट सामने आया है। असेसमेंट ईयर 2025-26 (FY 2024-25) के लिए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने ITR-1 और ITR-4 फॉर्म को नोटिफाई कर दिया है। एक्सपर्ट्स के अनुसार, ITR फाइलिंग की प्रक्रिया अगले हफ्ते से शुरू हो सकती है, और जो टैक्सपेयर्स ऑडिट के दायरे में नहीं आते, उन्हें 31 जुलाई 2025 की तय समयसीमा से पहले ITR दाखिल कर देना चाहिए।
हर साल ITR फॉर्म्स को फरवरी या मार्च में नोटिफाई कर दिया जाता है, और अप्रैल से ITR फाइलिंग की शुरुआत होती है। लेकिन इस बार प्रक्रिया में देरी हुई क्योंकि सरकार ने कुछ अहम बदलाव लागू किए हैं। यही कारण है कि ITR फाइलिंग अब मई के पहले सप्ताह से शुरू होने की संभावना जताई जा रही है।
ITR फॉर्म्स में बदलाव और उनके प्रभाव
29 अप्रैल 2025 को जारी नए नोटिफिकेशन के मुताबिक, ITR-1 और ITR-4 फॉर्म्स में कुछ अहम बदलाव किए गए हैं। सबसे बड़ी राहत उन टैक्सपेयर्स के लिए है, जिन्होंने लिस्टेड इक्विटी से 1.25 लाख रुपए तक के लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन्स (LTCG) अर्जित किए हैं। अब ऐसे टैक्सपेयर्स ITR-1 फॉर्म के जरिए आसानी से अपना रिटर्न दाखिल कर सकते हैं।
ध्यान देने योग्य बात यह है कि यह सुविधा केवल धारा 112A के अंतर्गत आने वाले LTCG पर लागू होगी। यदि किसी टैक्सपेयर की आय शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन्स, अचल संपत्तियों से होने वाली LTCG या 1.25 लाख रुपए से अधिक की LTCG है, तो वह इस लाभ का उपयोग नहीं कर पाएगा। साथ ही, ITR-1 फॉर्म उन मामलों में भी मान्य नहीं है जहां कैपिटल लॉस को कैरी फॉरवर्ड करना हो।
धारा 112A के तहत लिस्टेड इक्विटी शेयर, इक्विटी-ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड्स और बिजनेस ट्रस्ट की बिक्री से होने वाली LTCG को टैक्स के दायरे में लाया जाता है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए LTCG टैक्स की दर 12.5% तय की गई है, हालांकि 1.25 लाख रुपए तक की LTCG पर टैक्स से छूट दी गई है।
इसी प्रकार ITR-4 फॉर्म में भी समान बदलाव किया गया है। यह फॉर्म ऐसे टैक्सपेयर्स के लिए है जो अपने व्यवसाय से होने वाली आय पर अनुमानित टैक्सेशन (Presumptive Taxation) को अपनाते हैं। अब ITR-4 में भी 1.25 लाख रुपए तक की LTCG की रिपोर्टिंग की जा सकेगी, बशर्ते वह धारा 112A के तहत आती हो।
फॉर्म 16 और सैलरी क्लास के लिए फाइलिंग की तैयारी
भले ही ITR फाइलिंग अगले हफ्ते से शुरू हो सकती है, लेकिन सैलरीड क्लास को अभी कुछ समय और इंतजार करना होगा। इसकी वजह है फॉर्म 16, जो कि सैलरीड टैक्सपेयर्स के लिए बेहद अहम दस्तावेज है। इसमें उस वित्त वर्ष के दौरान मिली सैलरी और उस पर काटे गए टैक्स (TDS) की पूरी जानकारी होती है। आयकर नियमों के अनुसार, एम्प्लॉयर्स को 15 जून 2025 तक फॉर्म 16 जारी करना अनिवार्य है, जिसके बाद ही सैलरीड लोग ITR फाइल कर सकते हैं।
ITR-1 फॉर्म भरने के पात्र कौन हैं?
वे टैक्सपेयर्स जो निम्नलिखित मापदंडों पर खरे उतरते हैं, वे ITR-1 फॉर्म फाइल कर सकते हैं:
- कुल सालाना इनकम 50 लाख रुपए से अधिक नहीं होनी चाहिए।
- इनकम के स्रोत: सैलरी, एक आवासीय प्रॉपर्टी, फैमिली पेंशन, सेविंग्स अकाउंट का ब्याज।
- धारा 112A के तहत 1.25 लाख रुपए तक की LTCG।
- एग्रीकल्चरल इनकम 5,000 रुपए तक।
ITR-4 फॉर्म कौन फाइल कर सकता है?
ITR-4 फॉर्म निम्नलिखित श्रेणियों के टैक्सपेयर्स द्वारा भरा जा सकता है:
- निवासी व्यक्ति, HUF, और फर्म (LLP को छोड़कर), जिनकी इनकम 50 लाख रुपए से अधिक नहीं है।
- बिजनेस या प्रोफेशन से इनकम, जो कि धारा 44AD, 44ADA या 44AE के तहत अनुमानित आधार पर कैलकुलेट होती है।
- धारा 112A के अंतर्गत 1.25 लाख रुपए तक की LTCG।
- सेविंग्स अकाउंट से इंटरेस्ट, एक हाउस प्रॉपर्टी और एग्रीकल्चरल इनकम (5,000 रुपए तक)।