ऑपरेशन सिंदूर’ से हिली पाकिस्तान की नींव! पीएम मोदी के निर्देश पर इंडियन एयरफोर्स का बड़ा वार

ऑपरेशन सिंदूर भारत द्वारा पाकिस्तान और POK के आतंकी ठिकानों पर की गई एयरस्ट्राइक है। यह जवाबी कार्रवाई पहलगाम हमले के बाद की गई, जिसमें निर्दोष नागरिक मारे गए थे। भारत ने संयम के साथ आतंकियों को निशाना बनाया और पाकिस्तान को चेतावनी दी कि अब आतंकी हमलों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह ऑपरेशन भारतीय सेना की रणनीति, शक्ति और संकल्प का प्रतीक है।

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ऑपरेशन सिंदूर' से हिली पाकिस्तान की नींव! पीएम मोदी के निर्देश पर इंडियन एयरफोर्स का बड़ा वार
Operation Sindoor

भारतीय सेना ने आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कदम उठाते हुए पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) में स्थित 9 आतंकी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक कर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को अंजाम दिया है। यह कार्रवाई उस समय की गई जब जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में निर्दोष पर्यटकों को निशाना बनाया गया था। इस हमले में कई पुरुषों की मौत हुई और महिलाएं विधवा हो गईं। इसी पीड़ा और आक्रोश की भावना को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस जवाबी कार्रवाई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम दिया — एक ऐसा नाम जो भारतीय नारी के सिंदूर की गरिमा और उसकी रक्षा के संकल्प का प्रतीक है।

पाकिस्तान की चुनौती को निर्णायक जवाब

इस सर्जिकल स्ट्राइक से पहले भारत सरकार लगातार रणनीतिक बैठकों और खुफिया विश्लेषण में जुटी हुई थी। दिल्ली में रक्षा मंत्रालय और सेना प्रमुखों के बीच कई अहम बैठकें हुईं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साफ शब्दों में देशवासियों को आश्वासन दिया था कि पाकिस्तान को इसकी बड़ी कीमत चुकानी होगी। उन्होंने कहा था कि आतंकियों को इस हमले की ऐसी सजा दी जाएगी, जिसकी वे कल्पना भी नहीं कर सकते।

इसी कड़ी में भारत की वायुसेना और सेना ने मिलकर एक जॉइंट ऑपरेशन के तहत पाकिस्तान के भीतर स्थित आतंकवादी ढांचों को चुन-चुन कर तबाह किया। इस कार्रवाई ने न केवल आतंकियों को चेतावनी दी है, बल्कि पाकिस्तान की सैन्य शक्ति को भी खुली चुनौती दी है।

हमले के निशाने पर कौन-कौन से आतंकी ठिकाने रहे?

भारतीय खुफिया एजेंसी RAW ने इन आतंकी ठिकानों की पहचान की थी, जिनमें लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों के मुख्यालय शामिल थे। इनमें बहावलपुर, मुरीदके, गुलपुर, लश्कर कैंप सवाई, बिलाल कैंप, कोटली, बरनाला कैंप, सरजाल कैंप और मेहमूना कैंप प्रमुख रहे। ये सभी ठिकाने अंतरराष्ट्रीय सीमा (IB) और नियंत्रण रेखा (LoC) के बेहद करीब स्थित थे, जिससे यह स्पष्ट होता है कि पाकिस्तान लगातार सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा था।

भारत की सैन्य कार्रवाई की खासियत

रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी प्रेस बयान में कहा गया है कि भारत ने अत्यंत संयम और रणनीतिक सूझबूझ के साथ इस कार्रवाई को अंजाम दिया है। किसी भी पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठान को निशाना नहीं बनाया गया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि भारत की कार्रवाई केवल आतंकवाद के खिलाफ थी, न कि पाकिस्तान की सेना या आम नागरिकों के खिलाफ। यह एक ‘नॉन-प्रोवोकटिव’ (Non-provocative) ऑपरेशन था, लेकिन इसका असर अत्यधिक प्रभावी और दूरगामी है।

पाकिस्तान की बौखलाहट और जवाबी कार्रवाई

एयरस्ट्राइक के बाद पाकिस्तान की सेना ने LoC और IB के पास से तोपों और राइफलों से भारी गोलीबारी की। 6-7 मई की रात को पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर में बेकसूर नागरिकों को निशाना बनाया, जिसमें तीन लोगों की जान चली गई। भारत ने इस उकसावे का तुरंत मुंहतोड़ जवाब दिया और पाकिस्तानी चौकियों को भारी नुकसान पहुंचाया।

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