क्या पत्नी को कैश देने पर कटेगा टैक्स? जानिए इनकम टैक्स के नियम नहीं तो हो सकता है नुकसान

पति द्वारा पत्नी को पैसे भेजना एक सामान्य प्रक्रिया है, लेकिन Income Tax नियमों के तहत यह जटिल बन सकता है। कैश लिमिट, इन्वेस्टमेंट से हुई आय, और गिफ्ट टैक्स जैसे पहलुओं को ध्यान में रखना जरूरी है। नियमों का पालन करके IT नोटिस से बचा जा सकता है।

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क्या पत्नी को कैश देने पर कटेगा टैक्स? जानिए इनकम टैक्स के नियम नहीं तो हो सकता है नुकसान
Husband Wife Money Transfer

भारत में पारिवारिक जिम्मेदारियों को निभाने का एक सामान्य तरीका यह है कि पति अपनी पत्नी को हर महीने घरेलू खर्च के लिए कैश या बैंक ट्रांसफर के जरिए पैसा देता है। हालांकि, Income Tax कानूनों के मुताबिक, इस तरह के Husband Wife Money Transfer पर कुछ विशेष नियम लागू होते हैं। यदि आप भी अपनी वाइफ को हर महीने पैसे भेजते हैं, तो यह लेख आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि एक छोटी सी लापरवाही आपको Income Tax Notice का पात्र बना सकती है।

कैश ट्रांसफर और इनकम टैक्स नियमों की बारीकियाँ

Income Tax Act की धाराएं 269SS और 269T कैश लेन-देन को रेगुलेट करती हैं, ताकि काले धन पर लगाम लगाई जा सके। यदि पति अपनी पत्नी को ₹20,000 से अधिक की राशि कैश में देता है, तो यह ट्रांजैक्शन कानूनी दायरे में आ जाता है और इसे डिजिटल माध्यम जैसे चेक, NEFT, RTGS के जरिए किया जाना चाहिए। हालांकि, उल्लंघन पर कोई सीधी पेनल्टी नहीं है, लेकिन आयकर विभाग इसे नोटिस की वजह मान सकता है।

इन्वेस्टमेंट से हुई इनकम और टैक्स दायित्व

यदि पत्नी को मिला पैसा केवल घरेलू खर्च के लिए उपयोग होता है, तो इस पर कोई टैक्स नहीं बनता। लेकिन जब वही रकम Investment जैसे Fixed Deposit, शेयर बाजार, या Property में लगाई जाती है और उससे कोई आय उत्पन्न होती है, तो Clubbing of Income नियम लागू हो जाते हैं। इसका अर्थ है कि इस इनकम को पति की इनकम में जोड़कर उस पर टैक्स वसूला जा सकता है।

गिफ्ट टैक्स की छूट और कानूनी बारीकियाँ

Income Tax कानून के अनुसार, पति द्वारा पत्नी को गिफ्ट किए गए पैसों पर टैक्स नहीं लगता, क्योंकि दोनों ‘Relatives’ की श्रेणी में आते हैं। फिर भी, यह छूट सिर्फ तभी तक है जब उस गिफ्ट से कोई आय उत्पन्न न हो। जैसे ही वह पैसा इन्वेस्टमेंट के रूप में इस्तेमाल होता है, टैक्स के नियम बदल जाते हैं।

टैक्स नोटिस से कैसे बचें?

Income Tax on Family Transactions के मामले में पारदर्शिता सबसे जरूरी होती है। यदि आप और आपकी पत्नी के बीच पैसे का लेन-देन नियमित रूप से होता है, तो उसका रिकॉर्ड रखना अनिवार्य है। साथ ही:

  • ₹20,000 से ज्यादा कैश ट्रांसफर करने से बचें।
  • हमेशा बैंकिंग चैनलों का उपयोग करें।
  • यदि पत्नी द्वारा इन्वेस्टमेंट किया गया है, तो उसकी आय को ITR में दर्शाना न भूलें।
  • किसी भी गड़बड़ी से बचने के लिए चार्टर्ड अकाउंटेंट की सलाह लें।

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