
गर्मी के मौसम में जब तापमान 40 डिग्री से ऊपर पहुंचता है, तो घरों में कूलर और पंखा ही राहत के प्रमुख साधन बन जाते हैं। लोग दिन भर इनका इस्तेमाल करते हैं, खासकर रात में ठंडी नींद पाने के लिए। लेकिन कई बार लोग गर्मी से बचने के चक्कर में कूलर-Cooler और छत वाला पंखा-Ceiling Fan एक साथ ऑन कर देते हैं, जो कि एक आम लेकिन गंभीर गलती है। यह आदत न केवल कमरे की ठंडक को प्रभावित करती है, बल्कि बिजली खपत और उपकरणों की कार्यक्षमता पर भी असर डालती है।
जब एयर फ्लो ही बिगड़ जाए: कूलर और पंखे को एक साथ चलाने का परिणाम
यह समझना जरूरी है कि कूलर और पंखा दोनों अलग-अलग तरीके से काम करते हैं। कूलर बाहरी हवा को खींचकर उसे ठंडा करता है और फिर कमरे में छोड़ता है, जिससे तापमान में गिरावट आती है। वहीं पंखा कमरे में पहले से मौजूद हवा को ही गति देकर पूरे कमरे में फैलाता है। जब दोनों एक साथ चलते हैं, तो पंखा कूलर की दिशा में बह रही ठंडी हवा को काट देता है। इसका नतीजा यह होता है कि कमरे में एयर फ्लो संतुलित नहीं रहता और ठंडक का असर कम हो जाता है।
ठंडी हवा बनाए रखने का सही तरीका
अगर आप चाहते हैं कि आपका कमरा लंबे समय तक ठंडा बना रहे, तो आपको दोनों उपकरणों का इस्तेमाल सोच-समझकर करना चाहिए। सबसे पहले कमरे को ठंडा करने के लिए कूलर को कुछ समय के लिए चलाएं। जब कमरे का तापमान नीचे आ जाए, तो आप कूलर बंद कर दें और छत पंखा चालू कर दें। पंखा कमरे में मौजूद ठंडी हवा को बेहतर तरीके से फैला देगा, जिससे आप बिना अधिक बिजली खर्च किए लंबे समय तक ठंडक का अनुभव कर सकेंगे।
बिजली बिल पर असर और उपकरणों की सेहत
कूलर और पंखा दोनों को एक साथ चलाने से बिजली की खपत भी दोगुनी हो जाती है। इससे बिजली का बिल बढ़ता है, जो गर्मियों में पहले ही ज्यादा होता है। इसके अलावा, लंबे समय तक दोनों उपकरणों को एक साथ चलाने से उनकी कार्यक्षमता पर भी असर पड़ता है, जिससे बार-बार रिपेयर या रिप्लेसमेंट की जरूरत पड़ सकती है।