
मुजफ्फरपुर में इन दिनों तेज धूप और भीषण गर्मी ने आम जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। तापमान 41 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका है, जिससे लोगों का बाहर निकलना दूभर हो गया है। वहीं बिजली की आंख मिचौली ने समस्याओं को और बढ़ा दिया है। गर्मी के कारण लोग दिनभर घरों में बंद रहने को मजबूर हैं। छोटे बच्चे, बुजुर्ग और बीमार लोग सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। अप्रैल में ही गर्मी की यह स्थिति देखकर लोग चिंतित हैं कि मई-जून में हालात और बदतर हो सकते हैं।
बढ़ती गर्मी के कारण बदली जीवनशैली
सुबह से ही धूप की तीव्रता इतनी अधिक होती है कि बाजारों और गलियों में सन्नाटा पसरा रहता है। लोग केवल जरूरी कार्यों के लिए ही बाहर निकल रहे हैं। शरीर को डिहाइड्रेट होने से बचाने के लिए पानी और शीतल पेयों का सेवन बढ़ गया है। तेज गर्मी के चलते छोटे बच्चों की तबीयत खराब होने के मामले भी सामने आने लगे हैं। भीषण गर्मी ने लोगों को घरों में कैद कर दिया है, जिससे सामाजिक गतिविधियों पर भी असर पड़ा है।
प्रशासन ने तेज धूप से राहत के लिए किए इंतजाम
जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए तुरंत कदम उठाए हैं। शहर के प्रमुख चौक-चौराहों पर प्याऊ स्थापित किए गए हैं ताकि राहगीरों को तुरंत पानी उपलब्ध हो सके। दमकल विभाग को आगजनी की किसी भी घटना से निपटने के लिए ‘रेडी टू मूव’ रहने का आदेश दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग को भी अलर्ट किया गया है, ताकि गर्मी से संबंधित बीमारियों से निपटने के लिए पूरी तैयारी रहे।
मौसम विभाग का पूर्वानुमान और संभावित राहत
मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों में आंधी और बारिश की संभावना जताई है। यदि यह पूर्वानुमान सही साबित होता है तो तापमान में गिरावट आ सकती है और लोगों को कुछ राहत मिलेगी। हालांकि, यदि मौसम में बदलाव नहीं होता है तो प्रशासन स्कूलों की टाइमिंग में फिर से बदलाव करने पर विचार कर रहा है।
लोगों से विशेष सावधानी बरतने की अपील
जिलाधिकारी ने आम जनता से अपील की है कि बिना जरूरी काम के घर से बाहर न निकलें। यदि बाहर निकलना अनिवार्य हो, तो सिर को कपड़े या छतरी से ढककर निकलें और शरीर को डिहाइड्रेट न होने दें। प्रशासन लगातार प्रचार-प्रसार कर रहा है कि कैसे लोग इस भीषण गर्मी से अपना बचाव कर सकते हैं।