
नागपुर में 10 मई 2025 से पेट्रोल पंपों पर Online Payment पूरी तरह बंद होने जा रही है. विदर्भ पेट्रोलियम डीलर एसोसिएशन ने यह अहम फैसला साइबर फ्रॉड की बढ़ती घटनाओं को ध्यान में रखते हुए लिया है. इसका मतलब है कि अब ग्राहकों को पेट्रोल भरवाने के लिए कैश लेकर जाना अनिवार्य होगा. पेटीएम, GPay, UPI जैसे डिजिटल माध्यम अब स्वीकार नहीं किए जाएंगे.
सायबर फ्रॉड ने बढ़ाई डिजिटल लेनदेन की चिंता
नागपुर में पेट्रोल पंप डीलरों को बार-बार साइबर धोखाधड़ी का शिकार होना पड़ रहा है. एसोसिएशन के अध्यक्ष अमित गुप्ता के मुताबिक, हैकर्स ने कई डीलरों के बैंक खातों से छेड़छाड़ कर फर्जी ट्रांजेक्शन किए. इससे बैंकिंग सिस्टम में गड़बड़ी पैदा हुई और बैंकों ने कई खाते ब्लॉक कर दिए या उन पर लीन मार्क (liens) लगा दिया. यह समस्या इतनी गंभीर हो चुकी है कि केवल ₹280 के एक संदिग्ध ट्रांजेक्शन के कारण एक डीलर का खाता सीज हो गया, जिसमें ₹18 लाख की राशि थी.
डीलरों का सामूहिक निर्णय: अब नहीं लेंगे Digital Payment
सायबर फ्रॉड से परेशान होकर, नागपुर के पेट्रोल पंप डीलरों ने सामूहिक रूप से डिजिटल पेमेंट बंद करने का निर्णय लिया है. उनका कहना है कि UPI और अन्य Online Payment माध्यमों से होने वाले किसी भी विवाद या धोखाधड़ी की पूरी जिम्मेदारी आखिरकार डीलर पर ही आती है. यह न सिर्फ मानसिक तनाव बढ़ाता है, बल्कि उनके व्यवसाय को भी खतरे में डालता है.
ग्राहकों के लिए नया नियम: केवल कैश से ही मिलेगा पेट्रोल
10 मई 2025 से, नागपुर के सभी पेट्रोल पंपों पर केवल नकद भुगतान (Cash Payment) को ही स्वीकार किया जाएगा. यदि कोई ग्राहक केवल डिजिटल माध्यम से भुगतान करने की सोच रहा है, तो उसे परेशानी हो सकती है. इसलिए लोगों को सलाह दी जा रही है कि पेट्रोल भरवाने से पहले कैश की व्यवस्था जरूर करें.
क्या यह निर्णय अस्थायी है या स्थायी?
फिलहाल यह निर्णय अनिश्चितकालीन है. एसोसिएशन का कहना है कि जब तक बैंकिंग प्रणाली और साइबर सुरक्षा ढांचा डीलरों को पूरी सुरक्षा और भरोसा नहीं देता, तब तक वे Digital Payment स्वीकार नहीं करेंगे. इससे यह स्पष्ट है कि स्थिति में सुधार होने तक नागरिकों को नकद लेनदेन का ही सहारा लेना होगा.