
1 मई 2025 से रेलवे ने रेलवे टिकट बुकिंग के नियमों में बड़ा बदलाव कर दिया है, जिसका असर लाखों यात्रियों पर पड़ा है। अब वेटिंग टिकट धारकों को स्लीपर और एसी कोच में यात्रा की अनुमति नहीं होगी; उन्हें केवल जनरल कोच में ही सफर करना पड़ेगा। इस निर्णय का उद्देश्य ट्रेन में भीड़ को नियंत्रित करना और कन्फर्म टिकट यात्रियों को बेहतर अनुभव प्रदान करना है।
इसके साथ ही एडवांस रिजर्वेशन पीरियड (ARP) को घटाकर 60 दिन कर दिया गया है, जिससे यात्री अब केवल दो महीने पहले तक ही टिकट बुक कर पाएंगे। यह बदलाव यात्रा योजना को समय से पहले तय करने की आवश्यकता को रेखांकित करता है। लंबी दूरी के यात्रियों को अब और अधिक सतर्कता बरतनी होगी, क्योंकि वेटिंग टिकट का विकल्प सीमित हो गया है।
रेलवे प्रशासन द्वारा यह भी संकेत दिया गया है कि टिकट कैंसलेशन चार्जेज में वृद्धि हो सकती है, जिससे रिफंड में मिलने वाली राशि घट सकती है। इससे यात्रियों को अनावश्यक टिकट बुकिंग से बचना होगा और यात्रा को सुनिश्चित करने की दिशा में सोच-समझकर निर्णय लेना होगा।
एटीएम लेनदेन पर शुल्क बढ़ोतरी से ग्राहकों की चुनौती
1 मई 2025 से लागू हुए RBI के नए दिशा-निर्देशों के अनुसार, एटीएम लेनदेन पर शुल्क बढ़ा दिया गया है। अब अगर ग्राहक अपनी मासिक मुफ्त लेनदेन सीमा पार कर लेते हैं तो उन्हें अतिरिक्त शुल्क देना होगा।
उदाहरण के तौर पर, PNB और HDFC जैसे प्रमुख बैंकों ने अपने शुल्कों में संशोधन किया है:
- नकद निकासी पर अब प्रति लेनदेन ₹23 का शुल्क लगेगा।
- बैलेंस जांच शुल्क ₹6 से बढ़ाकर ₹7 कर दिया गया है।
- गैर-वित्तीय लेनदेन (जैसे मिनी स्टेटमेंट) के लिए ₹11 प्रति लेनदेन तक देना होगा।
ये शुल्क उन ग्राहकों के लिए आर्थिक बोझ बन सकते हैं, जो महीने में बार-बार एटीएम का उपयोग करते हैं। अब ग्राहकों को ATM Transaction Planning करना होगा, जिससे वे अनावश्यक खर्च से बच सकें।
एक राज्य, एक RRB: ग्रामीण बैंकिंग को डिजिटल दिशा
1 मई 2025 से केंद्र सरकार की ‘एक राज्य, एक RRB’ नीति के तहत देश के 11 राज्यों में फैले 15 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (RRB) का आपस में विलय किया गया है। इस बदलाव के बाद देश में अब केवल 28 RRBs रह जाएंगे, जो पहले 43 थे।
इस कदम का उद्देश्य Banking Efficiency, Low Operational Cost और ग्राहकों को अधिक मजबूत Digital Banking अनुभव देना है। ग्राहकों के लिए राहत की बात यह है कि बैंक शाखाएं बंद नहीं होंगी और खाते के विवरण में भी कोई परिवर्तन नहीं किया जाएगा।
यह बदलाव विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग सेवाओं को सरल, सहज और सुलभ बनाने की दिशा में एक निर्णायक कदम है। नामों में बदलाव के बावजूद ग्राहकों को सेवाएं पहले से ज्यादा बेहतर और व्यवस्थित मिलेंगी।