Army Physical Test Changes: सेना ने BPET, PPT और Route March में किया बड़ा बदलाव, जानें नए नियम

भारतीय सेना ने BPET, PPT, Route March और अन्य फिटनेस परीक्षणों को कठोर बनाते हुए नई प्रणाली लागू की है। इसमें त्रैमासिक मूल्यांकन, निगरानी प्रक्रिया और अनुशासनात्मक प्रावधानों को शामिल किया गया है। इन बदलावों का उद्देश्य जवानों की युद्ध क्षमता बढ़ाना और जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करना है। यह एक आधुनिक और व्यावहारिक पहल है जो सेना की तैयारियों को नई ऊंचाई पर ले जाएगी।

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Army Physical Test Changes: सेना ने BPET, PPT और Route March में किया बड़ा बदलाव, जानें नए नियम
Army Physical Test Changes

भारतीय सेना ने हाल ही में अपनी शारीरिक दक्षता परीक्षण प्रणाली (Physical Efficiency Test System) में कई व्यापक और रणनीतिक बदलाव किए हैं। ये बदलाव केवल सेना के जवानों और अधिकारियों की Fitness को सुनिश्चित करने के लिए नहीं हैं, बल्कि आधुनिक युद्ध की मांगों और जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों (Lifestyle Diseases) से निपटने के लिए भी बेहद जरूरी माने जा रहे हैं। Battle Physical Efficiency Test (BPET), Physical Proficiency Test (PPT), Route March और Speed March जैसे परीक्षण अब अधिक कठोर और परिणामोन्मुखी बनाए गए हैं।

इस नई प्रणाली के तहत न केवल सैनिकों की फिजिकल स्ट्रेंथ और स्टैमिना को जांचा जाएगा, बल्कि यह उनके अनुशासन, दृढ़ निश्चय और मानसिक ताकत का भी मूल्यांकन करेगी। आइए, इन सभी बदलावों को विस्तार से समझते हैं।

BPET और PPT के त्रैमासिक परीक्षण

BPET, यानी Battle Physical Efficiency Test, अब सेना के प्रशिक्षण में एक मजबूत आधार बन चुका है। इसके अंतर्गत चार प्रमुख परीक्षणों को शामिल किया गया है:

  1. 5 किलोमीटर दौड़: यह दौड़ सैनिकों की कार्डियोवैस्कुलर क्षमता, सहनशक्ति और समय प्रबंधन की दक्षता को परखती है।
  2. 60 मीटर स्प्रिंट: तीव्र प्रतिक्रिया और चुस्ती-फुर्ती को आंकने के लिए आवश्यक यह छोटा लेकिन चुनौतीपूर्ण परीक्षण है।
  3. रस्सी चढ़ाई (क्षैतिज और ऊर्ध्वाधर): इसमें जवान की ताकत, समन्वय और संतुलन का परीक्षण किया जाता है।
  4. 9 फीट गहरी खाई पार करना: यह टेस्ट वास्तविक युद्ध परिस्थितियों में जवान की त्वरित निर्णय क्षमता और शरीर के नियंत्रण को दर्शाता है।

इसी तरह, PPT यानी Physical Proficiency Test में अधिक विविधता और कठिनाई स्तर जोड़ा गया है:

  • 2.4 किलोमीटर दौड़: फिटनेस का एक प्राथमिक मानक जो प्रत्येक जवान की बुनियादी सहनशक्ति को दर्शाता है।
  • 5 मीटर शटल रन: दिशा परिवर्तन की गति और नियंत्रित दौड़ने की क्षमता को मापता है।
  • पुश-अप्स, चिन-अप्स, सिट-अप्स: शरीर की ऊपरी और निचली मांसपेशियों की ताकत को आंकने वाले क्लासिक व्यायाम।
  • 100 मीटर स्प्रिंट: युद्ध के दौरान तेज गति से प्रतिक्रिया देने की क्षमता का प्रदर्शन।

इन सभी परीक्षणों को अब त्रैमासिक रूप से आयोजित किया जाएगा और इसके स्कोर को अधिकारियों की Annual Confidential Report (ACR) में सम्मिलित किया जाएगा। इससे यह तय होगा कि केवल वही अधिकारी आगे बढ़ें जो शारीरिक रूप से योग्य और सक्रिय हैं।

Route March और Speed March: एक सैनिक की असली परीक्षा

सेना की नई फिटनेस प्रणाली में Route March और Speed March को विशेष महत्व दिया गया है। Route March लंबी दूरी की मार्च होती है जो सैनिकों की सहनशक्ति, अनुशासन और गति नियंत्रण का परीक्षण करती है।

अब प्रत्येक जवान को हर छह महीने में निम्नलिखित मार्च पूरे करने होंगे:

  • 10 किलोमीटर Speed March: कम समय में अधिक दूरी तय करने की चुनौती।
  • 32 किलोमीटर Route March: बिना रुके, भारी किट के साथ लंबी दूरी तय करना, जो मानसिक और शारीरिक दोनों क्षमताओं को मापता है।

इसके अतिरिक्त, जहां सुविधाएं मौजूद हैं, वहां 50 मीटर तैराकी दक्षता परीक्षण को वार्षिक रूप से अनिवार्य किया गया है। इसका उद्देश्य सेना के जवानों की बहुपरिस्थिति युद्ध क्षमता को विकसित करना है।

निगरानी और मूल्यांकन: पारदर्शिता को प्राथमिकता

इन सभी परीक्षणों की निगरानी अब एक ब्रिगेडियर रैंक के अधिकारी की निगरानी में होगी, जिन्हें दो कर्नल और एक मेडिकल अधिकारी का साथ मिलेगा। यह त्रिस्तरीय निगरानी प्रणाली यह सुनिश्चित करती है कि मूल्यांकन प्रक्रिया निष्पक्ष, पारदर्शी और बिना किसी पक्षपात के हो।

APAC कार्ड और अनुशासनात्मक प्रावधान

सभी अधिकारियों के लिए Army Physical Fitness Assessment Card (APAC) अनिवार्य कर दिया गया है। इसमें सभी परीक्षणों के स्कोर दर्ज होंगे और इन्हें 24 घंटे के भीतर यूनिट हेडक्वार्टर में जमा करना अनिवार्य होगा।

यदि कोई अधिकारी निर्धारित फिटनेस मानकों को पूरा नहीं कर पाता, तो उसे 30 दिन की सुधार अवधि दी जाएगी। इस अवधि में छुट्टियों और प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों में कटौती की जा सकती है। यदि इसके बावजूद प्रदर्शन में सुधार नहीं होता है, तो Army Regulation 15 और Army Act 22 के अंतर्गत अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी, जिसमें पदावनति, चेतावनी या सेवा समाप्ति तक की कार्रवाई शामिल हो सकती है।

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