
गौतमबुद्ध नगर में सड़क सुरक्षा को लेकर जिला प्रशासन ने बड़ा कदम उठाया है। जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा की अध्यक्षता में सोमवार को कलक्ट्रेट सभागार में जिला सड़क सुरक्षा समिति और विद्यालय वाहन परिवहन सुरक्षा समिति की संयुक्त बैठक आयोजित की गई। बैठक में सड़क दुर्घटनाओं को कम करने और जनहानि रोकने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। बैठक में शामिल विभिन्न विभागों को कड़े निर्देश देते हुए आपसी समन्वय से कार्य करने को कहा गया।
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नो हेलमेट, नो फ्यूल अभियान सख्ती से लागू
जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि दोपहिया वाहन चालकों के लिए हेलमेट और चारपहिया वाहन चालकों के लिए सीट बेल्ट का उपयोग अनिवार्य किया जाए। इस क्रम में “नो हेलमेट, नो फ्यूल” (No Helmet, No Fuel) अभियान को जिले में सख्ती से लागू करने का निर्णय लिया गया है। इसके तहत अगर कोई दोपहिया चालक बिना हेलमेट पेट्रोल पंप पर पहुंचता है, तो उसे ईंधन नहीं दिया जाएगा।
सिर्फ यही नहीं, बिना हेलमेट या सीट बेल्ट के कोई भी व्यक्ति सरकारी और गैर-सरकारी कार्यालयों, विश्वविद्यालयों और संस्थानों में प्रवेश नहीं कर सकेगा। यह नियम सार्वभौमिक रूप से लागू किया जाएगा ताकि लोगों में नियमों के पालन की आदत विकसित हो।
स्कूल वाहनों पर विशेष निगरानी
बैठक में स्कूली वाहनों की सुरक्षा को लेकर भी सख्त दिशा-निर्देश जारी किए गए। जिलाधिकारी ने कहा कि बिना फिटनेस सर्टिफिकेट के कोई भी स्कूल वाहन सड़क पर न चले, यह सुनिश्चित करना परिवहन और शिक्षा विभाग की संयुक्त जिम्मेदारी होगी। साथ ही, स्कूल बस चालकों की नियमित स्वास्थ्य जांच और वाहनों की फिटनेस का विशेष ख्याल रखने के आदेश भी दिए गए।
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दुर्घटना संभावित स्थानों की पहचान और सुधार
सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए जिले के ब्लैक स्पॉट (Black Spot) की पहचान कर त्वरित सुधार कार्य करने के आदेश दिए गए हैं। डीएम ने लोक निर्माण विभाग और अन्य तकनीकी एजेंसियों को संयुक्त निरीक्षण कर अवैध कट और ख़तरनाक मोड़ों को चिन्हित कर सुधार करने को कहा। यह कदम उन स्थानों पर दुर्घटनाओं की आशंका को कम करने के लिए उठाया गया है जहां पहले से हादसों की प्रवृत्ति अधिक रही है।
यातायात जागरूकता को गांव-गांव तक पहुंचाने के निर्देश
सड़क सुरक्षा को जन आंदोलन का रूप देने के लिए ग्राम पंचायत बैठकों और स्वास्थ्य कर्मियों, विशेषकर आशा कार्यकर्ताओं के सहयोग से गांव-गांव में यातायात जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए गए हैं। इस पहल का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में भी ट्रैफिक नियमों के महत्व को समझाना और अनुपालन को बढ़ावा देना है।
आवारा पशुओं और अनधिकृत वाहनों पर कार्रवाई
जिलाधिकारी ने सड़कों पर बढ़ती आवारा पशुओं की समस्या को गंभीरता से लेते हुए संबंधित विभागों को निर्देशित किया कि वे सड़कों से पशुओं को हटाने की व्यवस्था करें। साथ ही अनधिकृत वाहनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात भी कही गई, जिससे यातायात व्यवस्था में सुधार हो सके।
बैठक में ये अधिकारी रहे मौजूद
इस महत्वपूर्ण बैठक में अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) मंगलेश दुबे, एसीपी ट्रैफिक शकील अहमद, सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी डॉ. उदित नारायण पांडेय, लोक निर्माण विभाग के अभियंता, जिला विद्यालय निरीक्षक, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, बस-ट्रक यूनियन के प्रतिनिधि और अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी तथा गैर-सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए।
जिलाधिकारी वर्मा ने सभी संबंधित विभागों से आग्रह किया कि वे एक-दूसरे के साथ समन्वय स्थापित कर सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में सुधार लाएं और जनजागरूकता को बढ़ावा दें।