छोटी SIP से बड़ा रिटर्न या बड़ी SIP से कम समय में अमीरी? रिजल्ट देख दिमाग हिल जाएगा!

क्या आप जानते हैं कि सिर्फ ₹5,000 की SIP से आप करोड़पति बन सकते हैं — वो भी बिना किसी रिस्क के ज्यादा झंझट के? इस लेख में हम आपको बताएंगे कि कैसे एक सामान्य इन्वेस्टर भी कंपाउंडिंग और लॉन्ग टर्म स्ट्रैटेजी से बना सकता है ₹1.5 करोड़ का फंड। पढ़िए पूरी डिटेल्स अंदर

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छोटी SIP से बड़ा रिटर्न या बड़ी SIP से कम समय में अमीरी? रिजल्ट देख दिमाग हिल जाएगा!
छोटी SIP से बड़ा रिटर्न या बड़ी SIP से कम समय में अमीरी? रिजल्ट देख दिमाग हिल जाएगा!

अगर आप भी म्यूचुअल फंड में निवेश की योजना बना रहे हैं और SIP (Systematic Investment Plan) के ज़रिए धीरे-धीरे एक बड़ा कॉर्पस खड़ा करना चाहते हैं, तो आपके लिए लॉन्ग टर्म निवेश की रणनीति सबसे फायदेमंद साबित हो सकती है। SIP Mutual Funds का ऐसा टूल है जो छोटे-छोटे निवेशों को समय के साथ बड़ा बना देता है, और कंपाउंडिंग (Compounding) की ताकत से करोड़ों की पूंजी तैयार की जा सकती है।

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₹5,000 की SIP से कैसे बन सकते हैं 1.5 करोड़ के मालिक

अगर कोई निवेशक हर महीने ₹5,000 की SIP शुरू करता है और उसे लगातार 30 साल तक चलाता है, तो कुल निवेश ₹18 लाख का होगा। SIP का औसत रिटर्न 12% मानकर चलें, तो इस पर कुल रिटर्न ₹1,36,04,866 रुपए तक पहुंच सकता है। यानी कुल मिलाकर निवेशक को ₹1,54,04,866 रुपए की राशि मिलेगी। इसमें ₹1,36 लाख से ज्यादा की रकम ब्याज (Interest) के रूप में होगी। यह कंपाउंडिंग का ही कमाल है, जो लंबे समय में छोटी रकम को बड़ा बना देती है।

₹15,000 की SIP 10 साल के लिए: ज्यादा निवेश, कम रिटर्न

अब अगर कोई निवेशक ₹15,000 प्रति माह की SIP करता है, लेकिन केवल 10 साल के लिए, तो कुल निवेश ₹18 लाख ही होता है। लेकिन इस पर रिटर्न मात्र ₹15,60,538 रुपए का मिलता है। यानी निवेशक को कुल ₹33,60,538 रुपए का फंड मिलता है। निवेश दोनों ही मामलों में ₹18 लाख का है, लेकिन समय अवधि की वजह से फर्क साफ दिखता है।

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जितनी लंबी SIP, उतना बड़ा मुनाफा

इन दोनों उदाहरणों से यह स्पष्ट हो जाता है कि SIP में समय सबसे बड़ा फैक्टर होता है। ₹5,000 की SIP को अगर 30 साल तक चलाया जाए तो उससे ₹1.36 करोड़ से ज्यादा ब्याज मिल सकता है, जबकि ₹15,000 की SIP को अगर सिर्फ 10 साल तक चलाया जाए तो ₹15.6 लाख का ही ब्याज मिलता है। यानी लंबी अवधि में छोटा अमाउंट भी बड़ा फायदा देता है।

कंपाउंडिंग का जादू सिर्फ समय के साथ

SIP में लॉन्ग टर्म निवेश का सबसे बड़ा फायदा कंपाउंडिंग का होता है। कंपाउंडिंग में आपकी मूलधन (Principal) पर तो ब्याज मिलता ही है, साथ ही ब्याज पर भी ब्याज मिलता रहता है। जैसे-जैसे समय बढ़ता है, ब्याज की राशि exponentially बढ़ने लगती है। यही कारण है कि लंबी अवधि की SIP से रिटर्न काफी अधिक होते हैं।

जोखिम भी होता है कम

लंबे समय तक SIP करने का एक और फायदा है जोखिम का कम होना। शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव होते रहते हैं, लेकिन जब आप SIP को लंबे समय तक बनाए रखते हैं, तो ये उतार-चढ़ाव औसत हो जाते हैं। इस तरह आप बाजार के जोखिमों से भी काफी हद तक सुरक्षित रहते हैं। लॉन्ग टर्म SIP एक तरह से इन्वेस्टमेंट को स्थिरता और सुरक्षा दोनों देती है।

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SIP में रिटर्न फिक्स नहीं होता

हालांकि SIP Mutual Funds एक बेहतरीन निवेश विकल्प हैं, लेकिन ध्यान रखें कि इसमें रिटर्न फिक्स नहीं होता। यह पूरी तरह मार्केट पर आधारित होता है। ऊपर दिए गए सभी आंकड़े 12% के अनुमानित रिटर्न के आधार पर हैं। यह रिटर्न भविष्य में बढ़ या घट भी सकता है। इसलिए निवेश से पहले सही जानकारी लेना जरूरी है।

निवेश से पहले करें रिसर्च

SIP शुरू करने से पहले निवेशक को अपने फाइनेंशियल गोल्स, रिस्क प्रोफाइल और निवेश की अवधि का मूल्यांकन जरूर करना चाहिए। साथ ही, किसी वित्तीय सलाहकार से राय लेकर ही म्यूचुअल फंड स्कीम का चयन करें। सही SIP प्लान ही आपको भविष्य में आर्थिक स्वतंत्रता दे सकता है।

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