Operation Sindoor: भारतीय सेना का करारा वार, इन अधिकारियों और जवानों ने मिलकर पूरा किया मिशन

तीनों सेनाओं की संयुक्त कार्रवाई में पाकिस्तान व POK के 9 आतंकी ठिकानों को बनाया गया निशाना, ऑपरेशन सिंदूर को भारत ने पहलगाम हमले का लिया बदला – ऑपरेशन सिंदूर के तहत 9 आतंकी अड्डे खत्म।भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना का संयुक्त हमला! जानिए किन अधिकारियों और जवानों ने रचा यह इतिहास, और कैसे दिया गया आतंकवाद को करारा जवाब।

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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का माकूल जवाब देते हुए भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) में स्थित नौ आतंकी ठिकानों पर तड़के सुबह सटीक हमले किए। यह ऑपरेशन भारत की तीनों सेनाओं – सेना, वायुसेना और नौसेना – की संयुक्त कार्रवाई थी, जिसमें देश के चुनिंदा श्रेष्ठ सैन्य अधिकारियों और विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया।

Operation Sindoor: भारतीय सेना का करारा वार, इन अधिकारियों और जवानों ने मिलकर पूरा किया मिशन
Operation Sindoor: भारतीय सेना का करारा वार, इन अधिकारियों और जवानों ने मिलकर पूरा किया मिशन

ऑपरेशन की कमान किनके हाथ में थी?

‘ऑपरेशन सिंदूर’ की रणनीति रक्षा मंत्रालय और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल के नेतृत्व में बनाई गई थी। इस ऑपरेशन की योजना मुख्य सैन्य संचालन निदेशालय और एयर स्ट्राइक यूनिट्स ने मिलकर तैयार की थी।

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ऑपरेशन की जानकारी लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया कुरैशी, विंग कमांडर व्योमिका सिंह और विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने साझा की। कर्नल सोफिया ने बताया कि यह कार्रवाई “सिर्फ आतंकवादियों को समाप्त करने के लिए थी, न कि पाकिस्तानी नागरिकों या सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने के लिए।”

किन ठिकानों को बनाया गया था निशाना?

भारत की वायुसेना और आर्मी ने मिलकर पाकिस्तान और पीओके में आतंकियों के जिन 9 प्रमुख अड्डों पर हमला किया, उनमें शामिल हैं:

  • मरकज सुभान अल्लाह, बहावलपुर
  • मरकज तैयबा, मुरीदके
  • सरजाल/तेहरा कलां, बहावलपुर
  • महमूना जोया सुविधा, सियालकोट
  • मरकज अहले हदीस, भिंबर
  • मरकज अब्बासमरकज राहील शाहिद, कोटली
  • शावई नाला कैंप, मुजफ्फराबाद
  • मरकज सैयदना बिलाल, मुजफ्फराबाद

इन ठिकानों पर भारत ने सटीक प्रिसिशन मिसाइलें और ड्रोन हमले किए। बताया जा रहा है कि इन स्थानों से भारत में घुसपैठ और हमलों की साजिशें रची जा रही थीं।

ऑपरेशन का नाम ‘सिंदूर’ क्यों?

इस ऑपरेशन का नाम ‘सिंदूर’ उन शहीद जवानों की पत्नियों को श्रद्धांजलि देने के लिए रखा गया, जिन्होंने पहलगाम हमले में अपने जीवनसाथी को खोया। सिंदूर भारतीय स्त्री के सौभाग्य का प्रतीक है, और इस नाम के जरिए भारत ने संदेश दिया कि वह हर नारी के सम्मान और सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।

प्रधानमंत्री ने रखी निगरानी, राष्ट्रपति को दी जानकारी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पूरे ऑपरेशन की रातभर निगरानी की और सफलता के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को इसकी जानकारी दी। पीएम मोदी ने कहा कि यह ऑपरेशन आतंकवाद के खिलाफ भारत की जीरो टॉलरेंस नीति का प्रतीक है।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की सक्रियता

NSA अजीत डोभाल ने अमेरिका, ब्रिटेन, सऊदी अरब, जापान और अन्य सहयोगी देशों के अधिकारियों से बात कर उन्हें ऑपरेशन सिंदूर की पूरी जानकारी दी। भारत ने स्पष्ट किया कि यह एक गैर-आक्रामक और सीमित सैन्य कार्रवाई थी, जिसका उद्देश्य केवल आतंकवाद पर वार करना था।

‘ऑपरेशन सिंदूर’ सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि भारत का यह स्पष्ट संदेश था कि किसी भी आतंकी हमले का जवाब माकूल और निर्णायक होगा। यह ऑपरेशन देश की तीनों सेनाओं की क्षमता, समन्वय और रणनीतिक दक्षता का प्रमाण बन गया है

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