
जम्मू-कश्मीर के Pahalgam Terrorist Attack में हुए भीषण हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। 22 अप्रैल को हुए इस आतंकी हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की जान चली गई, जिसने न केवल सुरक्षात्मक व्यवस्थाओं पर सवाल उठाए बल्कि सियासी हलकों में भी भूचाल ला दिया। इसी बीच, भारतीय किसान यूनियन (BKU) के नेता राकेश टिकैत द्वारा दिए गए विवादित बयान ने देशभर में आक्रोश फैला दिया है।
पहलगाम आतंकी हमले पर राकेश टिकैत की टिप्पणी और बढ़ता विरोध
राकेश टिकैत ने करनाल में दिए एक बयान में कहा, “चोर पाकिस्तान में नहीं, यहीं हैं।” उनका यह बयान एक स्पष्ट संकेत था कि पहलगाम हमले के पीछे कोई आंतरिक साजिश भी हो सकती है। उन्होंने यह भी जोड़ा, “कौन हिंदू-मुस्लिम कर रहा है, जवाब उसी के पास है।” इस बयान को लेकर यह माना गया कि टिकैत हमले के लिए पाकिस्तान को सीधे जिम्मेदार नहीं ठहराना चाहते, बल्कि उन्होंने देश के भीतर छिपे साजिशकर्ताओं पर सवाल उठाया।
उनके इस बयान से पहले उनके भाई नरेश टिकैत ने भी यह कहकर विवाद को हवा दी थी कि “पूरा पाकिस्तान दोषी नहीं हो सकता।” इन बयानों को देश की राष्ट्रीय सुरक्षा और शहीदों के सम्मान के खिलाफ माना गया, जिससे जनमानस में गहरा आक्रोश पनप गया।
मुजफ्फरनगर में रैली के दौरान भड़की भीड़ का गुस्सा
2 मई को उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में जब पहलगाम हमले के विरोध में एक जन आक्रोश रैली निकाली गई, तब वहां मौजूद राकेश टिकैत को भारी विरोध का सामना करना पड़ा। जैसे ही रैली में लोगों को टिकैत की मौजूदगी का पता चला, भीड़ भड़क उठी। “वापस जाओ” और “देशद्रोही मुर्दाबाद” जैसे नारों से माहौल गरमा गया।
आक्रोशित लोगों ने न केवल उनके साथ धक्का-मुक्की की बल्कि उनकी पगड़ी भी उछाल दी, जिसे भारत में अपमानजनक माना जाता है। कुछ ने उन पर लाठियों से हमला भी किया। स्थिति बेकाबू होते देख पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा और उन्हें भीड़ से सुरक्षित बाहर निकाला गया।
हमला किसान आंदोलन को दबाने की साजिश
इस पूरे घटनाक्रम के बाद राकेश टिकैत ने सफाई देते हुए कहा कि उनका बयान तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है। उन्होंने दावा किया कि यह पूरा विवाद उनके किसान आंदोलन को कमजोर करने की एक रणनीति है। टिकैत ने अपने विरोधियों को “नए हिंदू” कहते हुए निशाना साधा और कहा, “जवाब दिया जाएगा।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि उनकी बात का उद्देश्य यह था कि हमले के पीछे कौन है, इस पर खुलकर चर्चा होनी चाहिए। उनका इशारा था कि केवल पाकिस्तान को दोषी ठहराकर असली साजिशकर्ताओं को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।