Private Schools Recognition के तहत अब उन स्कूलों पर शिकंजा कसा जाएगा जो शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE) के तहत चयनित गरीब बच्चों को प्रवेश नहीं दे रहे हैं। जिलाधिकारी विशाख जी ने अमर उजाला की रिपोर्ट को गंभीरता से लेते हुए इस मामले में सख्त कार्रवाई का संकेत दिया है। डीएम ने बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) से ऐसे सभी स्कूलों की रिपोर्ट मांगी है जिन्होंने नियमों का पालन नहीं किया है।

आरटीई अधिनियम का उद्देश्य है कि हर बच्चे को समान शिक्षा का अवसर मिले, लेकिन यदि निजी स्कूल इस कानून को नजरअंदाज करते हैं, तो प्रशासन को दखल देना ही होगा। जिलाधिकारी की पहल से उम्मीद की जा सकती है कि इस बार कोई भी बच्चा अपने शिक्षा के अधिकार से वंचित नहीं रहेगा।
300 से अधिक अभिभावकों ने दर्ज की शिकायत
पिछले कुछ दिनों में शिक्षा विभाग के पास 300 से अधिक अभिभावकों ने शिकायतें दर्ज कराई हैं कि उनके बच्चों को RTE के तहत चयन होने के बावजूद प्राइवेट स्कूलों में दाखिला नहीं मिला। यह स्थिति न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि गरीब बच्चों के भविष्य के साथ अन्याय भी है।
अमर उजाला की मुहिम से आया बदलाव
अमर उजाला द्वारा इस मुद्दे को लगातार उठाए जाने से प्रशासन हरकत में आया। अब तक करीब 700 बच्चों को प्रवेश मिल चुका है, लेकिन कई स्कूलों ने बच्चों की जानकारी पोर्टल पर अपलोड नहीं की है, जिससे यह संख्या और बढ़ सकती है।
जिलाधिकारी की बैठक और सख्त रुख
डीएम विशाख जी ने शुक्रवार को बुलाई बैठक में BSA, ACM और ADM सप्लाई को स्पष्ट निर्देश दिए कि अप्रैल तक सभी चयनित बच्चों को प्रवेश मिलना चाहिए। इस प्रक्रिया की निगरानी ACM और BEO द्वारा की जाएगी। ADM सप्लाई को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।
“नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ एफआईआर और NOC रद्द करने की कार्रवाई होगी।” — डीएम विशाख जी
डीआईओएस की चेतावनी
जिला विद्यालय निरीक्षक (DIOS) राकेश कुमार ने सभी CBSE और ICSE स्कूलों से RTE चयनित बच्चों की सूची मांगी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि NOC की शर्तों के तहत सरकारी आदेशों का पालन अनिवार्य है।
क्या कहता है RTE अधिनियम?
शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE), 2009:
- प्रत्येक निजी स्कूल को 25% सीटें आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के छात्रों के लिए आरक्षित करनी होंगी।
- चयनित बच्चों को मुफ्त शिक्षा, यूनिफॉर्म, किताबें व अन्य शैक्षणिक सामग्री मिलनी चाहिए।
जिम्मेदारी तय: ACM और BEO उतरेंगे मैदान में
डीएम ने निर्देश दिया है कि ACM और BEO ब्लॉक स्तर पर स्कूलों में जाकर निरीक्षण करें, सुनिश्चित करें कि सभी चयनित बच्चों को प्रवेश मिल रहा है। स्कूलों को आदेश का पालन करना अनिवार्य है।
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