
परिवहन निगम प्रबंधन ने रोडवेज बसों के अनधिकृत ढाबों पर रुकने की बढ़ती शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए सख्त निर्देश जारी किए हैं। अब यदि बसों को अधिकृत ढाबों के अलावा किसी अन्य स्थान पर रोका गया, तो संबंधित ड्राइवर और कंडक्टर पर ₹1000 का जुर्माना लगाया जाएगा और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जाएगी। यह कदम यात्रियों की सुरक्षा, सुविधा और सेवाओं में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
देहरादून-दिल्ली मार्ग पर बसें केवल तय ढाबों पर रुकेंगी
महाप्रबंधक संचालन पवन मेहरा ने स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि देहरादून से दिल्ली जाने वाली साधारण बसें केवल दीपमाला ढाबा, जड़ौदा, मुजफ्फरनगर में रुकेंगी। वहीं, दिल्ली से देहरादून लौटते समय ये बसें पंचगंगा ढाबा, भैंसी खतौली कट, खतौली बाईपास पर ही विश्राम करेंगी। इन स्थानों के अलावा बसों का रुकना सख्त वर्जित किया गया है।
नैनीताल और टनकपुर मार्ग की बसों के लिए भी तय हुए विश्राम स्थल
देहरादून-नैनीताल और टनकपुर जाने वाली साधारण बसों के लिए आनंद ढाबा, दाउदपुर हाजी नजीबाबाद को अधिकृत विश्राम स्थल बनाया गया है। इसी तरह, नैनीताल और टनकपुर से दिल्ली की ओर जाने वाली वॉल्वो बसें दिल्ली वाइब्स गजरौला, मुरादाबाद रोड अमरोहा पर ही ठहरेंगी। वॉल्वो सेवाओं के लिए भी निर्धारित ढाबों का पालन अनिवार्य रहेगा।
अंबाला और चंडीगढ़ मार्ग के लिए निर्धारित ढाबे
देहरादून और हरिद्वार से अंबाला और चंडीगढ़ की ओर जाने वाली बसें हिमाचल ढाबा, मनका मनकी, बरारा, अंबाला में रुकेंगी। वहीं वापसी में ये बसें चंडीगढ़ ढाबा, मनका मनकी में ही विश्राम करेंगी। इन मार्गों पर भी केवल निश्चित स्थानों पर बसों के रुकने की अनुमति है।
ग्रामीण और पर्वतीय डिपो की बसों के लिए नियम
देहरादून से दिल्ली जाने वाली ग्रामीण, रुड़की और पर्वतीय डिपो की बसों के लिए शिवा पंजाबी टूरिस्ट ढाबा, खतौली विश्राम स्थल तय किया गया है। दिल्ली से देहरादून लौटते समय इन्हीं बसों को संगम टूरिस्ट ढाबा, खतौली पर ही रुकने का आदेश दिया गया है। इससे यात्रियों को एक व्यवस्थित और सुरक्षित सेवा अनुभव मिल सकेगा।
नियमों के उल्लंघन पर कठोर कार्रवाई का प्रावधान
महाप्रबंधक पवन मेहरा ने निर्देशित किया है कि बसों की नियमित चेकिंग की जाए। अगर कोई बस निर्धारित ढाबों के अतिरिक्त कहीं और रुकती पाई गई, तो संबंधित ड्राइवर और कंडक्टर पर ₹1000 का जुर्माना लगाया जाएगा और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई भी सुनिश्चित की जाएगी। यह व्यवस्था निगम की छवि को बेहतर बनाने और यात्रियों के विश्वास को मजबूत करने की दिशा में एक ठोस प्रयास है।