रिपोर्टर: रवि यादव | स्थान: लखनऊ | प्रकाशित: 21 अप्रैल 2025

उत्तर प्रदेश के आगरा में गर्मी का कहर दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। तापमान लगातार बढ़ने और लू के थपेड़ों ने न सिर्फ आमजन का जीवन कठिन कर दिया है, बल्कि छात्रों के लिए भी स्कूल जाना एक चुनौती बन गया है। इसी को देखते हुए जिला प्रशासन ने School Timing Change In Agra, UP के तहत स्कूलों के समय में बड़ा परिवर्तन किया है।
बेसिक शिक्षा अधिकारी ने जारी किया आदेश
इस बदलाव की पुष्टि कार्यालय जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, आगरा द्वारा जारी किए गए आधिकारिक आदेश से हुई है। आदेश के अनुसार, अब जनपद आगरा के समस्त परिषदीय, सहायता प्राप्त, मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों सहित अन्य बोर्डों के स्कूलों का संचालन सुबह 7 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक किया जाएगा। यह आदेश अगले आदेश तक प्रभावी रहेगा।
छात्रों के स्वास्थ्य की सुरक्षा सर्वोपरि
गर्मी में बच्चों का दोपहर के समय स्कूल में रहना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। अत्यधिक गर्मी से बच्चों को डिहाइड्रेशन, हीट स्ट्रोक, चक्कर आना जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसे ध्यान में रखते हुए शिक्षा विभाग ने यह कदम उठाया है। यह बदलाव सुनिश्चित करता है कि बच्चे दिन के सबसे गर्म समय से पहले स्कूल से घर लौट सकें।
प्रशासनिक वार्ता के बाद लिया गया निर्णय
यह फैसला कोई अचानक लिया गया निर्णय नहीं है, बल्कि यह शिक्षा निदेशक उत्तर प्रदेश, लखनऊ और जिलाधिकारी, आगरा के बीच हुई बातचीत और समीक्षा के बाद लिया गया है। यह दर्शाता है कि राज्य प्रशासन न सिर्फ शैक्षणिक प्रगति को लेकर सजग है, बल्कि छात्रों के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए भी पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
स्कूलों की दिनचर्या में बदलाव की आवश्यकता
नया समय निश्चित रूप से स्कूलों की दिनचर्या को प्रभावित करेगा। अब स्कूलों को अपनी शैक्षणिक योजनाएं और कार्यक्रम सुबह के समय में केंद्रित करने होंगे। असेंबली, शिक्षण कक्षाएं, परीक्षाएं, सभी गतिविधियां अब दोपहर 12:30 बजे तक पूर्ण करनी होंगी। शिक्षकों और छात्रों दोनों को जल्दी आना होगा, जिससे समय का अधिकतम उपयोग किया जा सके।
अभिभावकों के लिए यह फैसला राहत भरा
अभिभावकों के लिए यह निर्णय राहत लेकर आया है। जब बच्चे तेज धूप से पहले घर लौटेंगे, तो माता-पिता की चिंता भी कम होगी। खासकर छोटे बच्चों के लिए यह समय बहुत अनुकूल है, क्योंकि उन्हें दोपहर की चिलचिलाती गर्मी से बचाया जा सकेगा। यह निर्णय अभिभावकों के बीच भी सकारात्मक प्रतिक्रिया प्राप्त कर रहा है।