
देश में बाइक चलाना सिर्फ सुविधा का साधन नहीं, बल्कि बहुतों के लिए रोजमर्रा की जरूरत है। लेकिन जब भी बाइक या स्कूटर पर निकलते हैं, तो मोटर व्हीकल एक्ट (Motor Vehicle Act) के कुछ नियमों का पालन करना अनिवार्य हो जाता है। इन नियमों का उद्देश्य सड़क पर आपकी और दूसरों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। इसी संदर्भ में अक्सर एक सवाल उठता है — क्या चप्पल पहनकर बाइक चलाना कानून के खिलाफ है? इस विषय को लेकर भ्रम की स्थिति है, जिसे हम यहां विस्तार से साफ करेंगे।
मोटर व्हीकल एक्ट में चप्पल को लेकर क्या है प्रावधान?
अक्सर यह सुनने में आता है कि चप्पल पहनकर बाइक चलाना अवैध है, लेकिन अगर मोटर व्हीकल एक्ट को ध्यान से पढ़ा जाए, तो इसमें ऐसा कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं मिलता जो चप्पल पहनकर बाइक चलाने को सीधे तौर पर नियम का उल्लंघन बताए। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) स्वयं यह स्पष्ट कर चुके हैं कि नए एक्ट में इस विषय पर कोई सीधा नियम मौजूद नहीं है।
हालांकि, यह बात साफ नहीं है कि उनका बयान कार पर लागू होता है या बाइक पर भी। लेकिन आम धारणा के अनुसार, अगर कानून में किसी चीज़ को लेकर स्पष्ट निर्देश नहीं है, तो उसे कानूनी उल्लंघन नहीं माना जा सकता।
सेफ्टी एक्सपर्ट्स क्यों करते हैं मना?
कानून की बात एक तरफ, लेकिन सेफ्टी यानी सुरक्षा के लिहाज से एक्सपर्ट्स का मानना है कि चप्पल पहनकर बाइक चलाना खतरे को न्योता देने जैसा है। चप्पल पहनने से पैरों की ग्रिप कमजोर हो जाती है, जिससे ब्रेक या गियर शिफ्ट करते वक्त फिसलने का खतरा बढ़ जाता है। इससे न केवल ड्राइवर के लिए बल्कि सड़क पर मौजूद दूसरे लोगों के लिए भी खतरा पैदा हो सकता है।
चप्पल पहनने पर चालान क्यों नहीं कटता?
जब तक कोई नियम कानून में दर्ज नहीं होता, तब तक उसके उल्लंघन पर कोई दंड नहीं दिया जा सकता। इसी सिद्धांत के आधार पर, ट्रैफिक पुलिस चप्पल पहनकर बाइक चलाने पर चालान नहीं काट सकती। यदि कोई पुलिसकर्मी इस आधार पर चालान करता है, तो वह कानूनी रूप से चुनौती दी जा सकती है। इसलिए जब तक मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधन नहीं होता, यह नियम सिर्फ एक सलाह की श्रेणी में आता है, न कि अनिवार्यता की।
जूते पहनकर बाइक चलाने के फायदे क्या हैं?
अगर आप बाइक चलाते समय जूते या बूट्स पहनते हैं, तो इससे आपके पैरों को बेहतर सुरक्षा मिलती है। जूते ब्रेक और गियर पेडल पर सही ग्रिप बनाते हैं, जिससे कंट्रोल अच्छा रहता है। वहीं, चप्पल या स्लिपर से यह नियंत्रण कमजोर हो सकता है, और अचानक स्थिति में दुर्घटना की आशंका बढ़ सकती है। इसलिए अनुभवी राइडर्स हमेशा सलाह देते हैं कि सुरक्षा उपकरणों के साथ-साथ पैरों की भी उचित सुरक्षा करनी चाहिए।