
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले ने स्मार्ट सिटी की ओर एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाते हुए अब आधुनिक तकनीक से युक्त ट्रैफिक सिस्टम को अपनाया है। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत सहारनपुर अब उन शहरों की कतार में शामिल हो चुका है, जहां ट्रैफिक व्यवस्था को नियंत्रित करने के लिए ऑटोमैटिक ट्रैफिक सिग्नल्स और CCTV कैमरे लगाए जा चुके हैं।
अब शहर के बड़े-बड़े चौराहों पर ट्रैफिक लाइट्स की सुविधा दिल्ली जैसे मेट्रो शहरों की तर्ज पर शुरू हो गई है। इन लाइट्स के साथ-साथ हर प्रमुख चौराहे पर हाई-रेजोल्यूशन कैमरे लगाए गए हैं, जो हर आने-जाने वाली गाड़ी की हरकत पर पैनी नजर रखेंगे।
इस पूरे सिस्टम को कंट्रोल करने के लिए नगर निगम द्वारा एक ICCC (Integrated Command and Control Center) कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है, जहां से पूरे शहर की ट्रैफिक गतिविधियों पर 24×7 नजर रखी जाएगी।
ऑटोमैटिक चालान प्रणाली ने बढ़ाई जिम्मेदारी
नई व्यवस्था के अंतर्गत अब यदि कोई वाहन चालक ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करता है, तो उसका चालान मैनुअली नहीं बल्कि कैमरे की नजर से ऑटोमैटिक कटेगा। इतना ही नहीं, अगले चौराहे पर पहले से तैनात पुलिस उस वाहन को रोक सकती है और तत्काल कार्रवाई की जा सकती है।
अगर किसी व्यक्ति का चालान तीन बार कटता है, तो उसके ड्राइविंग लाइसेंस को निलंबित करने की प्रक्रिया भी शुरू की जा सकती है। इससे ट्रैफिक नियमों की अवहेलना करने वाले व्यक्तियों पर कड़ा नियंत्रण संभव हो पाएगा।
गांव से आने वालों के लिए अलर्ट
यह नई तकनीकी व्यवस्था उन लोगों के लिए थोड़ी चुनौती बन सकती है जो ग्रामीण इलाकों से सहारनपुर शहर में आते हैं और ट्रैफिक सिग्नल के नियमों से अनजान हैं। ऐसे में ट्रैफिक नियमों को समझना और पालन करना बेहद जरूरी हो गया है।
रेड, येलो और ग्रीन सिग्नल का मतलब जानना और स्टॉप लाइन पर गाड़ी रोकना अब केवल अनुशासन का मामला नहीं, बल्कि आर्थिक दंड से बचने का ज़रिया भी बन गया है।
नियम तोड़ने पर नहीं मिलेगी कोई रियायत
सहारनपुर के एसपी ट्रैफिक सिद्धार्थ वर्मा के अनुसार, इस योजना के तहत शहर में ट्रैफिक सिस्टम को पूर्णतः आधुनिक और डिजिटली नियंत्रित बनाया जा रहा है। कई सिग्नल्स काम करना शुरू कर चुके हैं और बाकी पर कार्य तीव्र गति से जारी है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अब ट्रैफिक नियमों में किसी को कोई छूट नहीं मिलेगी। ट्रैफिक पुलिसकर्मियों की जरूरत भी कम होती जाएगी, क्योंकि सिस्टम पूरी तरह से टेक्नोलॉजी बेस्ड होगा।
अगर कोई व्यक्ति सिग्नल तोड़ता है, स्टॉप लाइन पार करता है या अनावश्यक हॉर्न बजाता है, तो उसका चालान तत्काल कटेगा और उसका रिकॉर्ड सिस्टम में सेव हो जाएगा। तीन बार ऐसा होने पर वाहन सीज भी किया जा सकता है।