
भारत में किसी भी व्यक्ति की सामाजिक और सांस्कृतिक पहचान उसके नाम और सरनेम से गहराई से जुड़ी होती है। सरनेम न केवल पारिवारिक पहचान का प्रतीक होता है, बल्कि यह जातीय, क्षेत्रीय और कभी-कभी पेशेवर पृष्ठभूमि को भी दर्शाता है। आज हम जानेंगे कि भारत में सबसे ज़्यादा उपयोग किया जाने वाला सरनेम कौन सा है (Most Common Surname In India), और इसके पीछे की सामाजिक और सांस्कृतिक वजहें क्या हैं।
भारत की विशाल जनसंख्या और विविधता में सरनेम की भूमिका
2011 की जनगणना के अनुसार भारत की कुल जनसंख्या 121 करोड़ से अधिक थी, और 2024 तक यह संख्या 145 करोड़ के पार पहुंचने का अनुमान है। इतने बड़े और विविध देश में सरनेम की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाती है। अनुमान के अनुसार भारत में 40 लाख से भी अधिक विभिन्न सरनेम प्रचलन में हैं, लेकिन इनमें से कुछ ही ऐसे हैं जो पूरे देश में व्यापक रूप से उपयोग किए जाते हैं।
कुमार – भारत का सबसे कॉमन सरनेम
अगर बात करें कि भारत में सबसे ज़्यादा इस्तेमाल होने वाला सरनेम कौन सा है तो जवाब है – कुमार (Kumar)। World Statistics के अनुसार, कुमार भारत का सबसे कॉमन सरनेम है। यह एक ऐसा लास्ट नेम है जिसे देश के लगभग हर कोने – चाहे वो उत्तर भारत हो, पूर्वी राज्य हों, दक्षिण या पश्चिम – में पाया जा सकता है। कुमार एक ऐसा सार्वभौमिक सरनेम है जो किसी विशेष जाति, धर्म या क्षेत्र तक सीमित नहीं है। यही कारण है कि यह तेजी से लोकप्रिय हुआ और आज हर आयु वर्ग और पेशे में देखने को मिलता है।
महिलाओं में सबसे कॉमन सरनेम – देवी
भारत में पुरुषों की तरह महिलाओं के लिए भी कुछ खास सरनेम बेहद आम हैं। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो महिलाओं के बीच सबसे ज़्यादा इस्तेमाल होने वाला सरनेम देवी (Devi) है। देवी शब्द एक सम्मानजनक उपाधि के रूप में भी देखा जाता है और इसका प्रयोग विशेष रूप से उत्तर भारत, बिहार, झारखंड और बंगाल जैसे क्षेत्रों में होता है। इसके अलावा कुछ क्षेत्रों में लड़कियां कुमारी (Kumari) सरनेम का उपयोग भी करती हैं, जो कि अविवाहित होने का संकेत देती है।
अन्य पॉपुलर सरनेम जो पूरे भारत में पहचाने जाते हैं
भारत जैसे विशाल और विविध देश में कई और सरनेम भी हैं जो आम जनता के बीच खासा प्रचलित हैं। जैसे कि सिंह (Singh), जो आमतौर पर उत्तर भारत में राजपूत और सिख समुदायों में उपयोग होता है; गुप्ता (Gupta) और अग्रवाल (Agarwal), जो वैश्य समुदाय से जुड़े होते हैं; शर्मा (Sharma) जो ब्राह्मणों में आम है; पटेल (Patel) जो गुजरात और महाराष्ट्र में प्रसिद्ध है; मेहता (Mehta), देसाई (Desai) और जैन (Jain) जैसे सरनेम भी बड़ी संख्या में पाए जाते हैं। ये सभी सरनेम केवल नाम नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत को भी दर्शाते हैं।