
एटीएम (ATM) से बैलेंस चेक करना अब जेब पर भारी पड़ सकता है, क्योंकि मई 2025 से लागू हुए नए नियमों के तहत अब खाताधारकों को बैलेंस जानने के लिए सात रुपये का शुल्क देना होगा।
मई 2025 से लागू हुए आरबीआई (RBI) के संशोधित दिशा-निर्देशों के अनुसार अब खाताधारकों को अपने बैंक खाते का बैलेंस एटीएम के माध्यम से जानने के लिए छह रुपये के स्थान पर सात रुपये शुल्क देना होगा। पहले जहां इस सुविधा के लिए थोड़ा शुल्क लिया जाता था, अब यह राशि बढ़ा दी गई है, जिससे आम लोगों की जेब पर सीधा असर पड़ेगा।
केवल बैलेंस चेक ही नहीं, एटीएम ट्रांजैक्शन के अन्य पहलुओं पर भी नया शुल्क लागू हुआ है। अब यदि कोई खाताधारक मुफ्त एटीएम उपयोग की तय सीमा पार कर लेता है, तो उसे हर अतिरिक्त लेन-देन पर दो रुपये ज्यादा, यानी 17 रुपये की जगह 19 रुपये चुकाने होंगे।
नए नियमों का प्रभाव और सीमाएं
महानगरों में रहने वाले ग्राहकों को अब केवल तीन बार मुफ्त एटीएम उपयोग की सुविधा मिलेगी। जबकि अन्य शहरों और कस्बों में यह सीमा पांच बार तय की गई है। इसके बाद हर लेन-देन चाहे वह नकद निकासी हो, बैलेंस इन्क्वायरी हो या मिनी स्टेटमेंट – सभी पर शुल्क लिया जाएगा। यह बदलाव खाताधारकों को सोच-समझकर एटीएम उपयोग करने की दिशा में प्रेरित करेगा, लेकिन साथ ही यह एक अतिरिक्त आर्थिक बोझ भी होगा।
धनबाद के खाताधारकों पर व्यापक असर
धनबाद जिले में कुल 277 बैंक शाखाएं कार्यरत हैं, जिनमें लगभग 18 लाख खाताधारी पंजीकृत हैं। इनमें से चार लाख खाताधारकों को रूपे (RuPay) कार्ड जारी किए गए हैं, जिनमें तीन लाख से अधिक लोग नियमित रूप से एटीएम का उपयोग करते हैं।
सबसे अधिक प्रभाव एसबीआई (SBI) और बैंक ऑफ इंडिया (Bank of India) के खाताधारकों पर पड़ेगा क्योंकि इन बैंकों की शाखाएं और एटीएम मशीनें धनबाद में सबसे अधिक संख्या में मौजूद हैं।
अब इन खाताधारकों के लिए यह जरूरी हो गया है कि वे एटीएम लेनदेन से पहले नई शुल्क संरचना को ध्यान में रखें। बार-बार बैलेंस चेक करना अब आदत नहीं रह सकती, बल्कि एक योजना के तहत किया जाने वाला कार्य बन गया है।